Acidity

Acidity   


 डॉ. अशोक अग्रवाल


॥ १६ |सिडिटी:- दिखने में छोटी और आम समस्या है,  हर घर में किसी न किसी सदस्य को रहती है। लेकिन / N यह अपने आप में बहुत खतरनाक रोग है। पेट में गैस, सीने में जलन और अपच की दिक्कत हो तो समझ लेना चाहिए यह एसिडिटी है। एसिडिटी का मतलब अम्लपित्त, जिसमें खाना पचाने वाले रसायन का स्त्राव या तो बहुत ज्यादा होता है या बहुत कम। कई बार - एसिडिटी के कारण व्यक्ति को सीने में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। यदि यह तकलीफ बार-बार हो रही है। 'तो यह गंभीर समस्या बन जाती है। एसिडिटी के कारण कई बार भोजन। आहार नली से सांस नली में भी पहुंच जाता है जिससे खांसी या सांस लेने सम्बधी समस्या भी हो सकती है। इतना ही नहीं, एसिडिटी की समस्या बढ़ने पर खट्टे पानी के साथ मुंह में खून भी आ सकता है। जब एसिडिटी बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो यह अल्सर का रूप ले लेती है। और पेट दर्द का मुख्य कारण बनता है। अल्सर लंबे समय तक रह जाए। तो आमाशय में जाने वाला रास्ता सिकुड़ जाता है जिससे व्यक्ति को। खूब उल्टियाँ होती हैं। यदि यह अल्सर फूट जाता है तो पेट में संक्रमण या कैंसर भी होने का खतरा हो जाता है।



एसिडिटी या अम्लपित्त के लक्षणः 1. कभी-कभी खट्टी डकारें आना। 2. छाती में दर्द होना। 123. मुँह में खट्टा पानी का आना। 4. पेट में गैस बनना। 5. पेट में भारीपन या फूल जाना। 6. छाती में जलन। 17. मतली और उल्टी होना। कारण :- हम जो भी खाते हैं,उसका पाचन बेहद जरूरी है। भोजन के पाचन के लिए आमाशय में कई तरह के पाचनं रसायनों का स्त्राव होता है। पाचन जिसका मुख्य कार्य भोजन को पचाकर उसमें से पोषक तत्वोंको निकालना लेकिन कुछ निम्नकारणों से एसिड का स्त्राव गड़बड़ हो । जाता है और रोग बनना शुरू हो जाता है। ।।। 1. खान-पान में अनियमितता। 2. खाने को ठीक से न चबाना।। 3. पानी कम से कम पीना। 4. मसालेदार खाना ज्यादा खाना। 105. धूम्रपान व शराब का ज्यादा सेवन करना।।। 6. खाने के साथ पानी पीना। 7. कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन। 8. चाय अधिक पीना। विशेष 9. रात को खाना खाते ही सोना। 10. कब्ज का रहना। कारण :- हम जो भी खाते हैं,उसका पाचन बेहद जरूरी है। भोजन के पाचन के लिए आमाशय में कई तरह के पाचनं रसायनों का स्त्राव होता है। पाचन जिसका मुख्य कार्य भोजन को पचाकर उसमें से पोषक तत्वोंको निकालना लेकिन कुछ निम्नकारणों से एसिड का स्त्राव गड़बड़ हो । जाता है और रोग बनना शुरू हो जाता है। ।।। 1. खान-पान में अनियमितता। 2. खाने को ठीक से न चबाना।। 3. पानी कम से कम पीना। 4. मसालेदार खाना ज्यादा खाना। 5. धूम्रपान व शराब का ज्यादा सेवन करना।।। 6. खाने के साथ पानी पीना। 7. कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन। 8. चाय अधिक पीना। 9. रात को खाना खाते ही सोना। 10. कब्ज का रहना। उपचार :- अगर हम इस गम्भीर रोग से छुटकारा पाना चाहते हैं तो एक्युप्रेशर और सामान्य दिनचर्या से । |आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। एक्युप्रेशर में रोग की अवस्था के आधार पर बिन्दू का चयन किया जाता है। लेकिन अगर हथेली के एक निश्चित स्थान पर हरा रंग लगाया जाए तो इस रोग से काफी हद तक हरा रंग सकता है। या ३ / E / छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा दोनों हाथ की। | _I छोटी अंगली । रिंग (अनामिका) अंगली के ऊपरी जोड के चारों तरफ हरा रंग लगाना चाहिए। ।।। इसके अलावा अपने खान-पान और दैनिक दिनचर्या में सुधार लाना बहत जरूरी है।।।। 1. दिन में 10-12 गिलास पानी जरूर पीयें। ।। 12. चाय-कॉफी कम से कम पीयें, अगर पीना भी पड़े तो उससे पहले पानी जरूर पीयें। 3. कोल्डड्रिंक्स का सेवन बन्द कर दें। 4. खाना समय पर खाएं और खाकर कुछ देर टहलें, तुरंत सोयें नहीं। 5. ज्यादा तला-भुना व मसालेदार भोजन न करें। 6. भोजन में हींग का प्रयोग करें। , 7. रोटी में भुना हुआ जीरा, सेंधा नमक और अजवाइन भरकर खाएं। । 8. खाना खाने के बाद एक घंटे तक पानी न पीयें वरना सब उपचार बेकार हो जाएगा। 9. गर्म दूध का सेवन बंद कर दीजिए। 10. भोजन में फाइबर ज्यादा लें। 11. चोकर युक्त आटा प्रयोग करें। 12. भोजन के बाद सोने से पहले थोड़ा जरूर टहलें। विशेष :- सुबह खाली पेट 50ml Aloe vera जरूर पीयें। यह आपके शरीर में अमृत का काम करेगा। कृपया मार्केट में बिकने वाले बहुत तरह के Aloevera से सावधान रहिए। इसमें पानी नहीं मिलाना है। शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। पोषक तत्व जिससे शरीर को। ताकत मिलती है। कोई भी रोग ठीक हो सकता है। अगर आप दुनिया के सबसे बेहतरीन Aloe Vera और अन्य पोषक तत्व या इसकी फ्री एंजेसी लेना चाहते हैं तो मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।