स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बाजारू पेय पदार्थ

              स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बाजारू पेय पदार्थ 


 


गर्मी के मौसम में घर से बाहर निकलते समय चाहे कितनी सावधानी बरती जाए, मगर चिलचिलाती धूप का सामना करना ही पड़ता है। पसीने से लथपथ शरीर और प्यास के कारण गला सूखने से बुरा हाल हो जाता है। ऐसे में तन और मन की तरावट के लिए ठंडा पानी पीने की इच्छा होने लगती है, जो कि शरीर की जरूरत भी है। आजकल लोग बाजार में पानी पीना उचित नहीं समझते क्योंकि कई बीमारियां पानी के कारण ही फैलती हैं। पानी पीने के लायक नहीं होता पर गर्मी के कारण कुछ ठंडा पीना जरूरी हो जाता है अन्यथा तेज धूप के कारण सिर दर्द, थकावट, चक्कर आने लगते हैं।




अतः तन-मन को राहत पहुंचाने के लिए लोग कोल्ड डिंक्स पीते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक :- क्या आप जानते हैं कि कोल्ड ड्रिंक्स भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इनमें कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है। ज्यादा कैलोरी का सेवन करने से पसीना भी ज्यादा निकलता है। इसके सेवन से भूख भी नहीं लगती। कोल्ड ड्रिक्स से एलर्जी भी हो सकती है क्योंकि तेज गर्मी में अधिक ठंडे पेय पीने से शरीर के बाहर और अदर के तापमान का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे सदी, जुकाम आदि हो जाता है। कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से पेट में अम्ल ज्यादा बनने लगता है, जिससे उच्च रक्तचाप और यहां तक की अल्सर तक होने का अंदेशा रहता है। अत: क्षणिक राहत देते कोल्ड ड्रिक्स स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह ही साबित होते हैं। शीतल पेय में होता सेक्रीन का प्रयोग :- इन पेयों में रंग वाले द्रव्य, कृत्रिम फलों की सुगंध वाले पाउडर और मीठा करने के लिए पेटो-रसायन से बनने वाली सेक्रीन का प्रयोग होता है। साथ ही बीवीओ जैसे घातक रसायन का भी प्रयोग होता है, जिससे कैंसर तक होने की संभावना होती है। यद्यपि अब हर कंपनी यह प्रचार करती है कि वह अपने पेय निर्माण में बीवीओ का इस्तेमाल मिलाए नहीं करती है पर विकल्प का नाम भी नहीं क्रिया बताती है। पीले रंग के कोल्ड ड्रिंक्स के अधिक सेवन से तो स्वाद ग्रंथियां भी प्रभावित हो जाती हैं। घरेल शीतल पेय देते तरावट, शक्ति और मिलती स्फूर्ति :- हमारे परंपरागत घरेलू शीतल पेय जैसे आम का पना, लस्सी, छांछ, ठंडाई, शर्बत, शिकंजी आदि न केवल पौष्टिक होते हैं, बल्कि ये तरावट, शक्ति और स्फूर्ति भी देते हैं। इनमें कोल्ड ड्रिंक्स की तरह किसी रंग और सुगंध के। लिए रसायन का प्रयोग नहीं किया जाता। घरेलु पेयों में लस्सी को ही लीजिए। यह केवल तरावट ही नहीं प्रदान करती, बल्कि पेट में बनने वाली गर्मी को शांत करती है तथा पाचन क्रिया को सही रखती है। दही वैसे भी तरावट की चीज है। छाछ का प्रयोग पेट गड़बड़ाने की स्थिति में बहुत लाभदायक रहता है। ठंडाई से दिमाग को मिलती तरावट और स्फूर्ति :- हमारे यहां ठंडाई का प्रयोग तो बहुत समय से होता आया है। ठंडाई की शुरुआत होली के रंगों के साथ शुरू हो जाती है। तभी तो बनारस और अवध की ठंडाई का जिक्र होली के साथ-साथ अवश्य होता है। इसको बनाने के लिए इसमें जो सामग्री पड़ती है, जैसे गुलाब का फूल, खसखस, बादाम, चारों मगज, सौंफ, गोल मिर्च, मिश्री आदि। बाद में कच्चे दूध में मिलाकर इसको पीने से पेट में वायु नहीं बनती है। इसके साथ ही यह ठंडाई दिमाग का तरावट और स्फूर्ति देने वाली होती है। आम का पना करता पेट की गर्मी शांत :- कच्चे आम का पना गर्म हवाओं से तो बचाता ही है, साथ ही पेट की गर्मी भी शांत करता है। नींबू  की शिकंजी तरावट के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखती है। नींबू में विटामिन ‘सी’ बहुतायत में पाया जाता है। जलजीरा जिसमें नींबू तथा पोदीना सहित कई मसाले मिलाए जाते हैं, स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पाचन क्रिया को भी ठीक रखने के गुण रखता है। तरावट देता है तरबूज का शर्बत :- इसी प्रकार आम के साथ-साथ कुछ अन्य फलों के शर्बत पीने से भी गर्मी से काफी हद तक राहत मिलती है। जैसे तरबूज का शर्बत तरावट तो देता है लवण की कमी भी पूरी करता है। पेट के लिए बहुत फायदेमंद बेल का शर्बत :- शहतूत का शर्बत पीने से गले की खुश्की और गर्मी तो दर होती है साथ ही, जिनकी नक्सीर बहत फटती है, उसमें भी फायदा होता है। बेल का शर्बत तो पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। कहने का अर्थ यह है कि हमारे ये पारंपरिक पेयों की तासीर भी जितनी ठंडी होती है उतनी इन बोतलों, डिब्बों और पेपर पाउचों में बिकने वाले आधनिक शीतल पेयों में कहां? यद्यपि आज की भागम-भाग वाली जिंदगी में लोग घरेल पेयों को बनाने के लिए मेहनत करना नहीं चाहते। जो कछ मिलता है उसका ही सेवन कर लेते हैं पर ध्यान देने की जरूरत है कि झूठी शान और पैसा गंवाने के स्थान पर पारंपरिक पेयों का प्रयोग किया जाए। गर्मी से राहत पानी है तो घरेलू पेयों का सेवन करें। ये स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।