यात्रा के दौरान अपने गर्भ का रखें खास ख्याल

किसी भी महिला के लिए गर्भ धारण करना एक सुखद पल होता है इस दौरान उसे कई सावधानियां बरतनी पड़ती अखिर वो मां बनने वाली होती है। यात्रा को लेकर गर्भवती महिलाएं अक्सर दुविधा में रहती हैं। लेकिन, जरा-सी सावधानी बरतकर आप प्रेगनेंसी के साथ भी ट्रेवल कर सकती हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है। आज के जमाने में में एसा बहुत सा कामकाजी महिलाए है जो प्रग्नन्सी के दौरान भी ऑफिस जाती हैं और उनकी उनका डिलीवरी भी सामान्य होती है। लेकिन आपकी प्रेगनेंसी में कॉप्लिकेशन्स हैं तो आपको सफर में अपना खास ख्याल रखना होगा। अगर आप प्रेगनेंट । हैं और सफर करने वाली हैं तो इससे पहले अपने डॉक्टर की इजाजत जरूर ले लें। अधिकतर मामलों , । में प्रेग्नेन्सी के दौरान ट्रेवलिंग सेफ होती है भले ही ग आप ट्रेवलिंग कार से कर रहे हों, बस से या फिर ट्रेन से लेकिन अगर कुछ प्रिकॉशन्स को ध्यान में रखें तो आपको और आपके बच्चे को किसी भी । हालाँकि इतनी भीड, वाहनों की आवाजें तथा शोर-शराबे के कारण बस में सफर करना आसान नहीं है लेकिन अगर बस में सफर करने के अलावा कोई चारा ना हो तो सफर करना ही पड़ता है कुछ बातों को ध्यान में रखकर अपना सफर आरामदायक जरूर बना सकते हैं।



हवाई यात्रा सुरक्षित गर्भवती महिलाओं को हो सकती है दिक्कतेंट्रेवलिंग :- ट्रेवलिंग उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती है, जिनकी प्रेगनेंसी हाई रिस्क पर है या फिर डॉक्टर ने जिन्हें पूरी तरह बेड रेस्ट की सलाह दी है। ऐसी महिलाओं को ट्रेवलिंग के दौरान काफी समस्यायें हो सकती हैं। जैसे- सफर का लंबा वक्त रोड़ खराब होने पर, लंबा सफर करना, सफर के दौरान मेडिकल सुविधा ना होना आदि कुछ ऐसे पहलू हैं, जिनसे प्रेगनेंसी पर असर पड़ । सकता है। • ट्रेवलिंग गर्भवती महिला की डाइट तथा व्यायाम के रुटीन को प्रभावित करती है। एक * गर्भवती महिला को ट्रेवलिंग के दौरान स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन, सही प्रकार से आराम व खूब सारे फ्लूइड्स तथा लाइट एक्ससाइज भी जरूरी होती हैं इसकी वजह से आपको ट्रेवलिंग के दौरान अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। • गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बढ़ जाते हैं जो जी मिचलाने के लक्षणों से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देते हैं। • प्रेगनेंसी में शुरुआती तीन महीने और लास्ट के तीन । तीन महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं, इस दौरान सफर करने से बचना चाहिए। शरुआती महीनों में मिसकैरेज का खतरा बहुत ज्यादा होता । है। पहले तीन महीनों के बाद वोमीटग को प्राबल्म भी कम हो जाती है। । इस बात करते हुए आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर श्वेता गोस्वामी ने बताया कि शरीर में । पानी की कमी न होने दें, अगर आप विमान से । ) पी ने सफर कर र सफर कर रहे हैं तो नमी का स्तर कम होने के कारण डीहाइड्रेशन की संभावना होती है। पैर फैलाने के लिए पर्याप्त जगह वाली सीट लें तो अच्छा। रेस्टरूम सीट के करीब ही हो तो अच्छा रहता है। डॉक्टर श्वेता गोस्वामी ने बताया कि सफर फिर के दौरान कार में सीट बेल्ट पेट के नीचे बांधे। कार धिकार की अगली सीट पर बैठे और स्वच्छ हवा के लिए वा के लिए खिड़की खुली रखें। ब्लड प्रेशर सामान्य रखने, ऐंठन और सूजन से बचने के लिए पैरों को फैलाते और हिलाते डुलाते रहें। अगर आप समुद्री यात्रा के लिए जा रहे हैं तो यात्रा के दौरान नौका या जहाज टार के चलने के दौरान आपको उल्टी आने का एहसास या फिर मॉर्निग सिकनेस जैसा महसूस हो सकता है। सफर से पहले पता कर लें कि जहाज पर कोई डॉक्टर है या नहीं। ये नये प्रेग्नेंसी का दूसरा फेज का समय सुरक्षा की दृष्टि महीनों के दौरान आप सकती हैं क्योंकि इन ये नये का चेक विलिंग । - प्रेग्नेंसी का दूसरा फेज यानी 3 से 6 महीने के बीच । । का समय सुरक्षा की दृष्टि से सेफ होता हैं। इन महीनों के दौरान आप आसानी से ट्रैवल का सकती हैं क्योंकि इन महीनों में मॉर्निग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें कम ही होती हैं। • सेफ ट्रैवल के साथ ही जरूरी है कि आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको ऐसी जगहों पर जाने से बचना है जहां किसी संक्रमित बीमारी की प्रकोप फैला हो। . ४. अनुभा सिंह • वैसे तो प्रेग्नेंसी के दौरान हवाई यात्रा सुरक्षित नहीं होती लेकिन किन्हीं कारणों से यदि आपको हवाई यात्रा करनी पड़े तो आपको गर्भावस्था के 14 से 28 सप्ताहों के बीच में ही यात्रा करनी चाहिए व उससे पहले अपने डॉक्टर की सलाह त • लंबा सफर करने से बचें। यदि आप ट्रैवल कर भी रहे हैं तो अपने साथ पानी की पूर्ण सविधा रखें जिससे पानी की कमी न होने पाएं। • कहीं भी जाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। । • ट्रैवल पर जाते समय डॉक्टर के निर्देशों का । । पालन करते हुए सभी दवाईयों को अपने साथ रखें और अपने डॉक्टर के पेपर्स और डॉक्टर का नंबर आर अपने डॉक्टर हमेशा अपने साथ रखें। जिससे आपातकालीन में आप उसका उपयोग कर पाएं। • गाड़ी में यात्रा के दौरान खिड़की खोल और सीट बेल्ट को पेट के नीचे बांधे। • कार में बहुत ज्यादा सिकुड़ कर न बैठे बल्कि पैर फैलाते हुए ऐसे बैठे जिससे आप आसानी से । पैर हिला सकें और ऐंठन या अकड़न होने पर विना आपको अपना पोप्चर बदलने में दिक्कत न हो। • सीट पर पीछे की तरफ कमर ऐसे टिका कर बैठे जर जिससे कोई दर्द न हो। • सफर पर जाने से पहले वहां के माहौल और मौसम की पूरी जानकारी ले लें और उसी हिसाब से कपड़े लेकर जाएं। • ट्रैवल के दौरान कोई भी समस्या होने पर अपने मन से कोई दवा न खाएं अपने डॉक्टर या फिर । नजदीकी किसी डॉक्टर से जरूर कसंल्ट कर लें। • अधिकतर समय शांत रहें। क्योंकि आप जितनी अशात रहे। उतनी ही अधिक हो जाएगी। खुद को शांत रखने का सबसे कारगर तरीका होता है सांस को नियंत्रित करना। यानी जितनी देर में सांस लें, उतनी ही देर म छोड़। इससे शारीरिक या मानसिक किसी भी तरह का तनाव अपने आप घट जाएगा। हृदय गति और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहेगा ।