यूरिक एसिड बढ़ने पर


   आज की भागदौड़ की जिन्दगी में यूरिक |एसिड बढ़ जाना एक आम बात हो गई है, परबार-बार यूरिक एसिड का बढ़ जाना खतरे की घण्टी है। यूरिक एसिड बढ़ने का सीधा प्रभाव गुर्दो व यकृत पर पड़ता है। अधिक यूरिक एसिड बढ़ने पर गुर्दे तर्क खराब हो जाते हैं। । क्या है यूरिक एसिड :- जब शरीर में एसिड व यूरिया का अनुपात अधिक हो जाता है तो पेशाब व खून में यूरिया का अनुपात बढ़ जाता । है, जिससे सर्वप्रथम पैर के अंगूठे में दर्द व सूजन शुरू हो जाती है। और धीरे-धीरे सूजन बढ़कर टखना व एडी को भी चपेट में ले लेती है। शरीर के जोड़ों में दर्द बढ़ने लगता है और कभी-कभी तो शरीर । में जलन व चक्कर आने लगते हैं, बुखार आ जाता है, यदि । डायबिटीज और ब्लडप्रेशर है तो उन मरीजों को पेशाब कम आने । 'लगता है, उनका सीरम क्रिएटिनाइन भी बढ़ने लग जाता है, जिससे ।सूजन का प्रभाव शरीर पर कई जगह दिखने लगता है। कारण :- खून का PH7.4 होता है व पेट के PH1.4 होता है। जब । पेट का हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का PH गिरने लगता है व खून में एसिड का मात्रा बढ़ने लगती है। जब शरीर को प्रोटीन व खट्टे पदार्थ अधिक मात्रा में दिए जाते हैं तो शरीर का यूरिया स्तर बढ़ने लगता है।। एक स्वस्थ मनुष्य को 24 घण्टे में करीब 150 मिग्रा. प्रोटीन की । आवश्यकता होती है यदि प्रोटीन का स्तर लम्बे समय तक बढ़ा हुआ । 'लिया जाए तो यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। यदि प्रोटीन । एसिडिट है तो वह और भी खतरनाक है। जैसे 1. उडदाल 2. कुलथी 3. मांस 4. एल्कोहल 5. अधिक खट्टे । पदार्थ 6. सोयाबीन 7. खमीर 8. मंगोडी 9. पापड़ 10. पनीर 11. |नारियल 12. इमली 13. कैरी 14. दही 15. बाजरा 16. मटर व चना 17. कटहल आदि। उपचार :- यरिक एसिड बढ़ने पर सबसे बेहतर व कारगर उपचार । है कि रोगी सात दिन के फलाहार उपवास पर तुरन्त आ जाए। । 'फलाहार में फलों का चयन भी इस प्रकार कारें |जिनमें कार्बोहाइड्रेट । अधिक हो जैसे-पपीता, चीकू, लीची, तरबूज, आम, खीरा ककड़ी । आदि।