अरथा : कारण और निवारण ।।।

'आज पूरी दुनिया में अस्थमा अर्थात् दमा एक तित्व से होने वाले अस्थमा के विकार को हमारी दम घुटने लगने लगता है। मरीज तड़पने ऐसी बीमारी है जिसके विकार से मनुष्य को बाहरी अस्थमा का विकार भी कह सकते हैं। और छटपटाने लगता हैयह मरीजों के लिए सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ महसूस सिगरेट का धुआं भी इसका एक हिस्सा है। जानलेवा साबित भी हो सकता है। जैसा कि होती है। कहा जाता है जिस किसी इंसान को यदि हम सांस की नली से सिगरेट की धुएं को आप सभी जानते हैं कि ऑक्सीजन हमारे शरीर एक बार अस्थमा अर्थात् दमे की बीमारी पकड़ 'अंदर लेते हैं या किसी और कारण से हमारे के लिए बहुत जरूरी होता हैयदि हमारे शरीर लेती है उसे सांस लेने में बहुत ज्यादा कठिनाई अंदर जाती है तो यह भी अस्थमा जैसी के अंदर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन ना जाए तो महसूस होती है। सांस लेने में कठिनाई महसूस खतरनाक बीमारी को पैदा करने में सक्षम होती हिमारी मौत संभव है। यही एक कारण है कि होने का कारण है कि जब भी किसी इंसान अस्थमा के मरीज को जान जाने की भी दमा में अर्थात् अस्थमा के बीमारी का लक्षण अब हम बात करते हैं आंतरिक अस्थमा संभावना ज्यादातर बढ़ जाती हैअस्थमा उसके शरीर के अंदर आ जाता है उसके की। आंतरिक अस्थमा में बहुत सारे कारण हो अर्थात् दमा के रोगियों को कौन से लक्षण हैस्वशन अंग सिकुड़ जाती है जिससे मरीज को 'सकते हैं। किसी भी मरीज को अस्थमा के रोग जिससे आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि सांस लेने में बहुत कठिनाई उत्पन्न होने लगती का शिकार बनाने के लिए ज्यादातर देखा जाता। किसी इंसान को दमे की बीमारी ने जकड़ रखा । है कि दवाइयां भी अस्थमा के रोग का कारण हैअस्थमा के रोग के मरीजों को उनके होती है। अभी के समय में ज्यादातर लोग । सर्वप्रथम मैं आपको बताना चाहता हूं कि स्वास लेने के मार्ग में सूजन आ जाता है एस्प्रिन और डिस्प्रीन का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा यदि किसी इंसान को अस्थमा के रोग ने जकड जिसके कारण मरीज जब भी सांस लेने की 'में करते हैं। इस तरह की दवाइयां अस्थमा के रखा है तो उस इंसान के शरीर के अंदर बलगम कोशिश करता है उसके सांस लेने की प्रक्रिया रोग को जन्म देने बहुत ज्यादा मदद करता है॥ का लगातार निर्माण होने लगता है। कभी-कभी में उसे काफी तकलीफ का सामना करना ।एस्प्रिन और डिस्प्रिन के लगातार उपयोग करने मरीज के शरीर के अंदर बिना बलगम के भी पड़ता है। ज्यादतर देखा जाता है जब भी इंसान से इंसान के शरीर के अंदर अस्थमा और दमा (सूखी खांसी होने लगती है। ज्यादातर मामलों में सांस लेने की कोशिश करता है आवाज आने जैसे खतरनाक रोग के लक्षण आने लगते हैं। देखा जाता है कि इंसान की खांसी होती रहती लगती है, खांसी होने लगती है और गले में कभी-कभी बलगम का जमा होना और हैऔर सीने में जकड़न जैसी समस्याएं भी उत्पन्न 'लगातार खांसी होना भी अस्थमा जैसे अस्थमा के मरीज को अपने सीने में हमेशा होने लगती है। खतरनाक रोग हमारे शरीर के अंदर उत्पन्न कर जकडन जैसा महसूस होता रहता हैशरीर में अस्थमा के मरीज को दो भागों में बांटा देती है। ||जकरण के लक्षण के पता चल जाता है कि गया है। पहला भाग को हम आन्तरिक अस्थमा उपचार : पूरी दुनिया के अपेक्षा भारत में अस्थमा के मरीज के शरीर के अंदर बलगम कहते हैं और दूसरे भाग को बाहरी अस्थमा अस्थमा के रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन काफी मात्रा में बन गया है। बलगम के काफी कहते हैं। सबसे पहले आइए हम जानते हैं कि बढ़ती जा रही है। आपको जानकर हैरत होगी मात्रा में बन जाने का अनुभव सीने में हमेशा बाहरी अस्थमा क्या है और यह कैसे हमारे 'कि इस वक्त भारत में 2 करोड़ से ज्यादा मरीज जलन जैसा महसूस करने लगता है। शरीर के अंदर अस्थमा जैसे रोग को जन्म देती दमा रोगी हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि । सबसे महत्वपूर्ण लक्षण देखा जाता है कि है। बाहरी अस्थमा बाहर के एलर्जी साधारण अस्थमा रोग अर्थात् दमा का रोग एक स्वसन यदि हम छोटे से छोटे किसी कार्य को भी करते भाषा में हम इसे यह कह सकते हैं कि बाहरी बीमारी है जो इंसान के फेफड़ों से जुड़ी होती हैं तो हम बहुत जल्दी थक जाते हैं। हमारी |धलकण पराग जानवर इत्यादि हमारे स्वास्थ्य है। अस्थमा के रोग में मरीज को सांस लेने में सांस फूलने लगती है। इसका सबसे अच्छा के अंदर हमारे शरीर के अंदर जाते हैं जिसके काफी कठिनाई उत्पन्न हो जाती है और मरीज उपाय यह है कि जब भी हम कभी अपने घर कारण हमारे शरीर के अंदर एलर्जी पैदा हो सांस नहीं ले पाता है। इस कारण से मरीज के की सीढियों पर चढ़ते हैं तो देखा जाता है कि जाती है और अस्थमा जैसे खतरनाक रोग हमारे फेफड़े में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं जा पाता। अस्थमा के मरीज बहुत जल्दी हांफने लगते हैं। शरीर को जकड़ लेते हैं। जिसे अस्थमा अटैक भी कहा जाता है। यदि उनकी सांसें बहुत जल्दी फूलने लगती हैंयह बाहरी अस्थमा का एक परिभाषा है हमारे फेफड़ों में श्वसन प्रक्रिया के द्वारा पर्याप्त अस्थमा के रोग से पीड़ित मरीजों को जिसमें वातावरण के हिस्से से बाहर ही पदार्थ मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है तो उनके मुंह से बदबू आना, खाने के समय उनके अर्श-अश्मरी-अस्थमा विशेषांक शरीर के अंदर से बदबू आना ये सभी लक्षण आसानी से अपने चपेट में जकड़ ले। घर में अस्थमा के रोग को निमंत्रण देने के बराबर है। भी अस्थमा का हो सकता है। अस्थमा के पालतू जानवर पालने से हमारे घर के कुछ ऐसे यदि एक इंसान अपने भोजन में ज्यादा मात्रा में मरीज के बोलने और खांसने के समय उनके तत्व उपस्थित हो जाते हैं जो लगातार इंसान के नमक का सेवन करता है तो इंसान को अस्थमा मुंह के अंदर से बदबू आने लगती है। जैसा कि शरीर के अंदर जाने से इंसान को अस्थमा जैसे और दमा जैसे खतरनाक लोग आसानी से आप सभी जानते हैं कि बलगम हमारे शरीर खतरनाक रोगों का सामना करना पड़ता है। अपनी चपेट में जकड़ लेते हैं। नमक के ज्यादा का एक बेकार चीज होता है। शरीर के अंदर यदि आप घर में पालतू जानवर पालते हैं तो सेवन करने से हमारे शरीर के अंदर फेफड़े में लगातार बलगम रहने का कारण बलगम में आपको अपने पालतू जानवर को समय-समय बहुत तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैंसरन उत्पन्न हो जाती है जो बदबू देने लगती पर साफ रखना अति आवश्यक है। और फिर फेफड़ा के अस्वस्थ होने के कारण है। यही कारण है कि अस्थमा से पीड़ित मरीज धम्रपान भी एक स्वस्थ इंसान को हमारे शरीर में आसानी से अस्थमा अपना रोग के बोलने के समय या खांसने के समय बलगम अस्थमा की बीमारी का शिकार बना सकता है। त्रा मारी का शिकार बना सकता है। प्रारंभ कर सकता है। का दुर्गध उनके मुंह से उनके साथ से बाहर जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सिगरेट के अब मैं आपको ऐसी जानकारी प्रदान करने निकलने लगता है। आइए मैं आपको बताता हूँ धएं में बहुत तरह के रसायन और गैस होती है। जा रहा हूं जिसको सुनकर आप सभी को कि अस्थमा के वह कौन से कारण है जिससे एक स्वस्थ इंसान को बीमार बनाने के लिए हैरानी होने लगेगी। जहां पर यह कहा जाता हैएक स्वस्थ इंसान भी इस खतरनाक बीमारी के उपयक्त होती है। जब भी एक स्वस्थ इंसान कि योग किसी भी रोग का उपचार हो सकताका शिकार हो जाता है। धूम्रपान करता है तो उसके अंदर उपस्थित है। योग करने से अपने शरीर के अंदर उपस्थित वायु प्रदूषण अस्थमा रोग का प्रमुख कारण रसायन और गैस उसके फेफड़े को बीमार किसी भी तरह के विकार को आसानी से है। जिसके कारण एक स्वस्थ रोगी भी अस्थमा बनाने लगता है और यदि इंसान के शरीर का समाप्त कर सकते हैं। वहीं पर यह एक मुख्य जैसे खतरनाक विकार का शिकार हो जाता है। अंदर का फेफड़ा बीमार हो जाता है तो उसे कारण है। अस्थमा के रोग कायदि कोई सांस लेने के साथ हमारे शरीर के अंदर बहुत अस्थमा जैसे रोग आसानी से अपनी चपेट में इंसान ज्यादा मात्रा में व्यायाम करता है तो यह सारी ऐसी पदार्थ हमारे श्वसन क्रिया से अंदर जकड़ लेते हैं। भी इंसान के शरीर के अंदर अस्थमा जैसे चली जाती है जिसके कारण शरीर के अंदर शराब का सेवन भी अस्थमा जैसे खतरनाक रोग को उत्पन्न करने में मदद करता अस्थमा जैसे खतरनाक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। खतरनाक रोग को आपके शरीर में उत्पन्न है। यह बात सुनकर बहुत ही हैरानी होती हैप्रदूषण होने के कारण हमारे घर में भी धूल का करने में मदद करता है। यदि आप शराब का लेकिन शोधकर्ताओं के हिसाब से ज्यादा माहौल हो जाता है। लगातार धूल हवा में सेवन करते हैं तो आसानी से इंसान के मीर में व्यायाम करना भी अस्थमा के रोग का कारण मिलने कारण हमारे श्वसन क्रिया से धूल भी अस्थमा अर्थात दमा आप को अपनी चपेट में है हमारे शरीर के अंदर जाने लगता है। धूल के जकड़ लेंगे। बीयर में सल्फाइड की मात्रा हा धूल के जकड़ लेंगे। बीयर में सल्फाइड की मात्रा कभी-कभी यह देखा जाता है कि यदि लगातार हमारे शरीर के अंदर जाने से हमारे अधिक होती है और शरीर में सल्फाइड की अस्थमा हमारे दादाजी या पिताजी को हैं तो शरीर के अंदर दमा अर्थात् अस्थमा जैसे मात्रा स मात्रा यदि ज्यादातर बढ़ जाती है तो एक स्वस्थ उनके पोते में आसानी से या वंशानुगत प्रभाव खतरनाक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इंसान के अंदर भी अस्थमा अर्थात् दमा है जैसे फैलाने लगता है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी हैयदि आपके घर में कोई पालतू जानवर है खतरनाक रोग आसानी से आरम्भ हो जाते हैं। जो वंशानुगत भी फैलती है। यदि हमारे घर में तो यह भी एक कारण हो सकता है कि आपके ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन करना भी की किसी भी परिवार के सदस्य को अस्थमा का घर के अंदर किसी भी इंसान को अस्थमा रोग है तो दूसरों को अस्थमा का रोग होना बहुत ही आसान हो जाता है। अस्थमा के रोग के उपचार के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं। जिनके उपयोग से आप अपने अस्थमा को आसानी से कम और खत्म दोनों कर सकते हैंजैसा कि आप सभी जानते हैं कि आयुर्वेदिक में सभी बीमारियों की अचूक औषधि उपलब्ध है जिससे कोई भी इंसान अपने किसी भी तरह के रोग को आसानी से जड़ से खत्म करने में सफल साबित हो सकता है। आज हम भी कुछ ऐसे नुस्खे के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं जिसके उपयोग से आप अस्थमा के खतरनाक बीमारी को अपने (दमा आप को अपनी चपेट में हो सकता है।