एक जानलेवा बीमारी माइग्रेन

दफ्तर में मैं काम कर रहा था कि अचानक ही जाना-पहचाना दर्द मेरे सिर के आधे हिस्से में होने लगा। कुछ देर बाद ऐसा लगने लगा, मानो कोई हथौड़े से एक हिस्से में चोट कर रहा हो और कुछ ही देर में मेरा सिर दर्द से फटने लगा। अगले 45 मिनट तक कुछ भी करना मेरे लिए संभव नहीं था। हर बार यह दर्द मुझे होता है, मेरी सिर्फ यही कामना रहती कि किसी प्रकार इस दर्द से मुझे मुक्ति मिले। यह कहना था 29 वर्षीय सुरेश का जो एक बीमा कंपनी में काम करता है। अर्धकपारी या अर्ध मस्तिष्क दर्द, जिसे माइग्रेन ( आधा शीशी ) भी कहते हैं, बार-बार उठने वाला दर्द है जो कभी-कभी कम व सहनीय पर अधिकतर तीव्र और असहनीय होता हैं जिसके साथ दूसरे लक्षण जैसे सनने, बोलने या महसूस करने की शक्ति पर भी कछ समय के लिए असर होना आम बात माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति संसार के सभी * भागों में पाए जाते हैं। इंग्लैंड में किए गए एक " बिल्कुल सर्वेक्षण में वहां के 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत लोगों को इस बीमारी से पीड़ित पाया गया। यह बीमारी महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक ' पाई जाती है। महिला और पुरुषों में यह 6 अनुपात 2:1 है। हालांकि एक अप्रचलित ती माइग्रेनियस न्युरेलजीया, सिर्फ पुरुषों तक * सीमित है। , यह एक अत्यधिक पुरानी बीमारी है, जिसका जिक्र मेडिसिन के पिता हिपोक्रेट्स द्वारा किया गया था। सर्वप्रथम परिभाषा ऐरिटियस द्वारा दी गई थी। उसके अनुसार, यह सिर के अधिकतर एक ही भाग में होने वाला दर्द है, जिसमें मरीज को चक्कर आना, बेचैनी, घबराहट, रोशनी से असुविधा होना और उल्टी होने की आशंका बनी रहती है। इसके कुछ वर्ष बाद गेलेन द्वारा ‘हेमिक्रिना' (आधा सिर) शब्द का प्रयोग इस एक तरफ होने वाले सिर-दर्द के लिए किया गया। बाद में इसी को ‘मरग्रिम' और आखिर में माइग्रेन नाम दिया गया। माइग्रेन के प्रकार :- माइग्रेन चार प्रकार का का हो सकता है। 1. क्लासिकल माइग्रेन , 2. साधारण या आम माइग्रेन, 3. माइग्रेनियस । न्यूरेलजिया, 4. बच्चों में होने वाला माइग्रेन . क्लासिकल माइग्रेन- इस प्रकार के माइग्रेन में 14 दर्द शुरू होने के लक्षण महसूस होने लगते हैंरोगी को दिन में होने वाले दर्द का अहसास होने लगता है। अधिकतर लक्षणों में से प्रमुख हैदेखने की क्षमता पर असर। धुंधला नजर आना इस बीमारी का आम लक्षण है। जिस वस्तु पर नजर पड़ता है, वह चुचला या अस्पष्ट नजर आती हैं, और पढ़ने में असुवि असुविधा होने लगती है। कई बार कुछ हिस्सा बिल्कुल नहीं दिखाई देता है और कई बार तो कुछ क्षणों के लिए आंखों के आगे अंधेरा भी छा जाता है। यह लक्षण 15 से 30 मिनट में अपने अधिकतम रूप पर पहुंच जाता है और में ' अगले 15 से 30 मिनट के बाद फिर रोगी * सामान्य रूप से देख सकता है। कभी-कभी तो दिखाई देने की क्षमता पर इसका असर दिन भर र रहता है, पर ऐसा होने की गुंजाइश बहुत कम होती है। कई बार सिर्फ एक आंख पर इसका असर होता है। महसूस करने और स्पर्श की या होता है परयय करने और पी क्षमता पर असर इसके दूसरे लक्षणों में से प्रमुख है। यह देखने की क्षमता पर असर होने के साथ-साथ या अलग से हो सकता हैएक वाला हाथ से लेकर चेहरे की एक तरफ झनझनाहट और ठिठुरन होती है। इससे बोलने में कई बार कठिनाई व हकलाहट भी होती है। कई बार शरीर के दोनों तरफ इसका असर हो सकता है। पैरों पर इसका असर अधिकतर नहीं होता है। जिन हिस्सों में झनझनाहट हो, उनमें कमजोरी भी महसूस हो सकती है। इसका असर 15 से 30 मिनट में तीव्रतम हो जाता है और इतने समय में ही कम होने लगता है। इस प्रकार के माइग्रेन का एक और लक्षण इस् है जी मिचलाना और बेचैनी या चक्कर आना। इन लक्षणों के तुरंत बाद सिर दर्द शुरू हो जाता है। यह अधिकतर एक आंख के ऊपर से सिर के पिछले हिस्से तक फैल जाता है। यह कई बार गर्दन के ऊपर से शुरू होकर सिर के आगे तक फैल जाता है। विशेषतः यह दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है और ध्यान देने योग्य बात ये है कि यदि एक हिस्से में झनझनाहट या देखने में तकलीफ हो, तो दर्द ठीक उसकी दूसरी तरफ होता है किंतु यह पूरे सिर में भी हो सकता है। क्लासिकल माइग्रेन की तीव्रता कई प्रकार की होती है जैसे टीस उठना, सिर पर लगातार मार लगने का अहसास या असहनीय व पीड़ादायक असर। माइग्रेन के गंभीर हमले में उल्टियां बार-बार हो सकती हैं, हालांकि उल्टी । होने पर रोगी बेहतर महसूस करता है। यह दर्द । अधिकतर ज्यादा रोशनी व ध्वनि से बढ़ जाता है और रोगी अंधेरे में आराम महसूस करता है। यह माइग्रेन एक घंटे से 72 घंटे तक का हो सकता है। रोगी को माइग्रेन बचपन में कम वयस्कता में अधिक व अधेडावस्था या बुढापे में काफी कम में काफी कम हो जाता है। क्लासिकल माइग्रेन साधारण माइग्रेन की अपेक्षा लंबे समय बाद पुनः होता है, अर्थात् इसका हमला हर महीने या दो-तीन महीने में होता है, जो साधारण माइग्रेन की अपेक्षा काफी कम है।