आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी ज्ञानमाला अनार

हमारे देश के लगभग सभी भागों में अनार उगाया किलोग्राम सरसों तेल में मिलाकर रख लें। अनार के छिलकों का चूर्ण सुबह-शाम पानी से जाता है। अनार का केवल फल ही नहीं बल्कि इससे प्रतिदिन चेहरे पर मालिश करने से सेवन करें, इससे भी पेट के कीड़े निकल जाते हैंइसका पेड़ भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। दाग-धब्बे-झाइयां दूर होते हैं। 10. अनार का रस पीने से अरुचि दूर होती है। फल की अपेक्षा कली व छिलके में अधिक गुण 4. अनार के रस के सेवन से शरीर की बढ़ी हुई काली मिर्च आधा चम्मच, जीरा सिका हुआ 2 पाये जाते हैं। अनार को विभिन्न भाषाओं में गर्मी शांत होती है। चम्मच, चने की दाल के दाने के बराबर हींग व अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है जो निम्नवत् 5. 3 चम्मच अनार के रस में आधा चम्मच पीसा अनारदाना 70 ग्राम, सेंधा नमक स्वादानुसार , है :- संस्कृत :- दाडिम, लोहित, पुष्पक, दंत । जीरा मिलाकर छोटी-सी गुड़ की डली के साथ मिलाकर तैयार स्वादिष्ट चूर्ण के सेवन से अरुचि बीज। हिंदी :- अनार। मराठी :- डालिंब। सेवन करने से अजीर्ण रोग ठीक होता हैछाया में नष्ट होती है तथा मन प्रसन्न होता है। गुजरातीः- दाड़म। बंगाली :- दालिम। तेलगु :दानिम्मा। तमिल :- मदुलाईअंग्रेजी :- पोमेग्रेनेट। सुखाये हुए अनार के पत्तों का चूर्ण 40 ग्राम व 10 11. प्यास लगने पर अनार का रस लाभकारी होता ग्राम सेंधा नमक मिलाकर रख लें। इसमें से 3-3 है। लेटिन :- प्युनिका ग्रेनेटम। ग्राम भोजन से पहले दोनों समय पानी से लें, 12 अतिसार :- अनार की जड़ की छाल या अनार का छिलका लाल, हरा और दाना लाल अजीर्ण ठीक होगा। मीठे अनार के रस में शहद छिलके का चर्ण 3-3 ग्राम शहद के साथ सेवन व सफेद होता है। इसके दाने खट्टे या फीके स्वाद वाले होते हैं। इसकी प्रकृति शीतल होती है। इसके करने से अतिसार बंद हो जाता है। अनार फल के फल का रस 20 से 25 ग्राम, बीजों का चूर्ण 6 से छिलके के चूर्ण का 3-3 ग्राम ताजे पानी से 10 ग्राम, छाल का चूर्ण 5 ग्राम तथा पुष्प कली 5 सुबह-शाम लेने से अतिसार व आमातिसार में ग्राम ली जाती है। अनार के सेवन से खून की कमी लाभ प्रदान करता है। अनार की ताजी कलियों के दूर होती है। यह पेट को नरम करता है। मूत्र लाता साथ छोटी इलायची के बीज और मस्तगी पीसकर है। हृदय के लिए लाभदायक है। प्यास दूर करता चीनी या शहद मिलाकर चटनी बना लें। इसे चटाने है। धातु को पुष्ट करता है। शरीर के प्रत्येक अंग से बच्चों के पुराने अतिसार व प्रवाहिका में लाभ का पोषण करता है। यह विभिन्न रोगों में उपयोगी होता है। अनार के पत्तों को पीस कर लेने से भी होता है। अनारदाना का बारीक चूर्ण स्वादिष्ट, मिलाकर पिलाने से अरुचि में लाभ होता है। अतिसार में लाभ होता है। भोजन पचाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। 6. अनार के फुल छाया में सुखाकर बारीक पीस अनार की छाल 100 ग्राम, 50 ग्राम जीरा, 30 यह मंदाग्नि, वायु गोला, अपच, अतिसार, गले के लें। इसे मंजन की तरह दिन में 2-3 बार दांतों पर ग्राम सेंधा नमक बारीक पीस कर चूर्ण बना लें। रोग, कमजोरी व खांसी में लाभदायक होता है। मलने से खुन आना बंद होकर मजबूत हो जाते हैं। 1-1 चम्मच चूर्ण सुबह, दोपहर और शाम को विभन्न रोगों में उपयोगी :- 1. नाक से खून 7. उल्टी :- अनार दाने को पीसकर उसमें थोडी पानी से लेने पर पतले दस्तों से आराम मिलता है। बहने वाले रोगी को कुछ दिन लगातार अनार का काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर खाने से अनार आली ई और सेंधा नमक मिलाकर खाने में अनार फल के छिलकों का काढ़ा बना लें, इसके हा पित्त की उल्टी और घबराहट में लाभ होता है। सेवन से भी दस्त, पेट में मरोड़ आदि में लाभ होता जाती है। अनार की कली, जो अपने आप टूटकर ६ अनार का रस पीने से गर्भवती स्त्रियों की वमन है। इस काढ़े में 2 लौंग पीसकर डाल दें तथा फिर नीचे गिर जाती है उसके चूर्ण को सूंघने मात्र से h ) = ३ से उबाल कर ठंडा करके पीने से दस्त, पेचिश और नक्सीर का खून आना बंद हो जाता है। शहद मिलाकर चाटने से भी उल्टी बंद हो जाती हैआंव आना ठीक होता है। 2. अनार के छिलकों को सूखा कर बारीक चूर्ण 8. बच्चों के दस्त एवं पेचिश में अनार की छाल , 13. पीलिया :- रोगी को अनार रस का सेवन बना लें। 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी से लेने लाभकारी होता है। इससे शारीरिक कमजोरी दूर को पिसकर पिलाने से लाभ होता है। पर कुछ ही दिनों में बार-बार पेशाब जाना होती है। खून की कमी रोनीमिया ठीक होता है। 50 (बहुमूत्र) रोग ठीक हो जाता है। 9. पेट के कीड़े :- अनार की जड़ व तने की पत्नी अनी के रस में रात को साफ लोहे का 3. अनार के छिलकों के चूर्ण को गुलाब जल में छाल का काढ़ा के ' में छाल का काढ़ा बना कर पिलाना चाहिए। अनार छोटा-सा टुकड़ा डालकर रख दें। सुबह लोहे का मिलाकर लेप बना लें और सोते समय उस लेप को की छाल के काढ़े में तिल का तेल मिला कर 3 3 को को छाल के काढ़े में तिल का तेल मिला कर 3 टुकड़ा निकालकर छान कर स्वादानुसार मिश्री और चेहरे पर लगाएं। सबह गनगने पानी से चेहरा धो दिन पिलाने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। अनार 25 मिली, पानी मिला कर पी लेंइससे पीलिया में लें। कछ दिनों में ही चेहरे के निशान, झाइयां, धब्बे की जड़ 10 ग्राम, वाय विडंग 6 ग्राम व इंद्र जौ 6 लाभ होगा। लगभग 250 मिली. अनार के रस में दूर हो जाएंगे और चेहरे पर चमक आ जाएगी।