गुर्दै फेल होना

 विधाता ने हमारे शरीर की रचना अद्भुत रूप टीस तथा त्वचा का शुष्क होना। चक्कर आना। रक्त में शुगर में परिवर्तन। हाथ-पैर की नसों का से की है। हमारे शरीर के पीछे कटि प्रदेश में रीढ धीरे-धीरे शरीर का वजन कम होना। त्वचा में क्षतिग्रस्त होना। अधिक सिरदर्द, चक्कर आना, के दोनों ओर दो वृक्क स्थित होते हैं। इन वृक्कों पीलापन या कालापन होना। हड्डियों में दर्द ब हा शी। हृ द य धाड क न म । की लंबाई 10-13 से.मी., चौडाई 6 से.मी., रहना। घबराहट होना, बार-बार भ्रमित होना। भारीपन खिंचाव। कोरोनरी आर्टरी में दिक्कत मोटाई 2-5 से.मी. तथा वजन लगभग 140 ग्राम स्मरण शक्ति कमजोर होना। मांसपेशियों में दर्द, यकत का क्षतिग्रस्त होना या फेल होना। शरीर में नर्माण अनेक फोनों टाग व खिंचाव रहना। श्वास लेने में परेशानी, कम इनफेक्शन फैल जाना। फैक्चर की संभावनाएं होता है। प्रत्येक वृक्क में लगभग दस लाख श्वास श्वास आना। उल्टी में खून आना या साधारण बढ़ना। नेफ्रोन होते हैं। संसार में हर वर्ष लगभग ७९ उल्टी आना। अधिक प्यास लगना। सेक्स के प्रति । 'प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा शरीर शुद्धि :8,50,000 व्यक्ति गुर्दे फेल होने से मरते हैं।।अनिच्छा। स्त्रियों में मासिक धर्म में । प्राकृतिक जीवन निरामय जीवन है। प्रकृति हमारी अनियमितता, मासिक धर्म का रूकना। अनिद्रा का • गुर्दे के कार्य :- वृक्क शरीर में जल अर्थात् नींद न आना। हाथ व पैरों में सूजन * सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। सन्तुलन की क्रिया को नियन्त्रित करते हैं। प्राकृतिक जीवन स्वस्थ जीवन है। अतः चलो कछ परीक्षण (Test):- गुर्दो में विकार जानने प्रकति की ओट में, जीओ प्रकृति की गोद में रक्त में पाये गये अधिक मात्रा में मिनरल, के लिए कुछ परीक्षण करवाने से पता लगाया जा तथा सदा स्वस्थ रहो।कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम आदि लवणों सकता है। उच्च रक्तचाप की जांच (Lipid|प्रातः नींब पानी का एनिमा लेकर पेट साफ को विसर्जित करता है। Profile)। के.एफ.टी. (Kidney Function करें। प्रात: किसी बाग, वाटिका में रोज भ्रमण • वक्क हमारे रक्त को छानकर शद्ध करके Test)] क्रायटानिन, सरिम क्रोयटानिन, रक्त में 3 शरीर को वापस करते हैं। यूरिया Blood Urea Nitrogen BUN)। मूत्र कीपर बैठकर कपालभाति, भस्त्रिका तथा गुर्दे फेल होने के कारण :- गुर्दे फेल गों के टोने जांच (Urine Analysis)। अन्य परीक्षण अनलोम-विलोम प्राणयाम करें। योगासान करें बहुत सार कारण हात हा कुछ कारण इस प्रकार Sodium, Potassium, Magnesium, |(C,B.C. Abumin, calcium, Electrolytes, जाज शाप । ज14_00 मिग्र मा हैं :- मधुमेह रोग होना। उच्च रक्तचाप होना। Phosphorus)। वृक्क विकार का पता चलना। उच्च रक्तचाप हाना'Phosphorus)। वृक्क विकार का पता चलना। टब में ठंडे पानी में बैठकर कटिस्नान करें। रेनल धमनी या रेनल सिरा में गड़बड़ी होना। Abdominal Ct. Scan, Abdominal MRI, कमर में सुबह-शाम 4-4 घण्टे की मिट्टी पट्टी Tत्र में बयों की अधिकता होनातन्म्क में Abdominal Ultrasound, Kidney Biopsy, रखें। बीस मिनट परे शरीर की भाप लें। कमर पर पथरी होना। पौरुष ग्रन्थि का बढ़ना या 1 Kidney Scan, Kidney Ultrasoundi ' रोज दिन में दो बार गर्म-ठंडी सेंक करें। गरम से विकारग्रस्त होना। वृक्क में इन्फेक्शन होना। वृक्क अकर्मण्यता के पूर्व शरीर में उपद्रव :- शुरू करें ठंडे में बन्द करें3 मिनट गरम एक जहरीले जन्तुओं के द्वारा काटने से, जहर से। जब गुद " जटा से। जब गुर्दे फेल होने की कगार पर होते हैं तो शरीर मिनट ठंडी पट्टी रखें। उच्च रक्त चाप को अधिक एन्टीवॉयटिक दवाएं खाने से। दर्दनाशका में शीघ्र ही कुछ अनबन या अन्य उपद्रव घटित नियन्त्रित करें। यदि मधुमेह है तो उसे नियन्त्रित अंग्रेजी दवाओं के अधिक सेवन से। अधिक होते हैं। करें। हरी शाक सब्जियाँ उबाल कर खाएं। उसमें मोटापा होने से। धूम्रपान, मंदिरापान या अन्य बहुत अधिक रक्तचाप बढ़ जाना। शरीर में गर्म मसालों का प्रयोग न करें। सलाद खाएं, फल मादक द्रव्यों के सेवन से। अधिक मानसिक खून की अल्पता। पेट या आंतों में रक्तस्राव खाएं। धूम्रपान तथा अन्य नशीले पदार्थों का तनाव, चिन्ता, भय, क्रोध, उद्विग्नता, मोह आदि होना। हड्डी या मांसपेशियों में अधिक दर्द होना। त्याग करें। यदि मोटापा है या कॉलेस्ट्राल बढ़ा है। से। वात-कफ-पित्त की विषमता से। लम्बे समय । तक अंग्रेजी दवाएं खाने से। वंशानुगत, माता-पिता को रोग रहा हो। बी.एम.आई. में असामान्यता। रक्त दोष होने से। गुर्दे सिकुड़ ।जाने से आदि-आदि। गुर्दे फेल होने के लक्षण :- गुर्दे फेल होने को । 'पूर्व शरीर में कुछ लक्षण देखे जा सकते हैं। ।। भूख का धीरे-धीरे कम होना। शरीर बीमार सा रहना, थकावट रहना। सिर दर्द रहना। त्वचा में तो उसका उपचार करके नियन्त्रित करें। रात्रि अजवाइन 20 ग्राम, सेन्धा नमक 10 ग्राम पुस्तक का भोजन हलका सुपाच्य लें। पीसकर रख लें। दो-दो ग्राम दवा पानी से दिन पथ्य :- दिन में कभी तरबूज रस, कभी सेब में दो बार लें। रस पीयें। इससे लाभ होगा। • गुर्दा दर्द में मक्का के भुट्टे के ऊपर के • हरी सब्जियां में तोरी, घीया, मेथी साग, सफेद बाल कूटकर 200 ग्राम पानी में उबालें। परवल, मूली, शलगम, ककड़ी, खरबूजा, मीठा 100 ग्राम पानी रहने पर उतार कर पिला दें। सेब, पपीता, नाशपाती, सिघाडे लाभदायक है। पिलाने से तुरन्त लाभ होगारात्रि भोजन में दलिया, खिचड़ी या सब्जी के • गुर्दा दर्द में कलमीशोरा अजवाइन समभाग साथ हल्का चूल्हे का सिका फुलका लें। पीसकर रख लें। एक-एक ग्राम दवा पानी के कुपथ्य :- तली चीजें, तेल, घी, अचार, सभी साथ दिन में दो बार लें, तुरन्त आराम आएगा। खटाइयां, सभी तरह के कृतिम पेय, खट्टे फल, • आकाशवेल 10 ग्राम, गलदावदी 6 ग्राम जीवमात्र नींबू, संतरा, सभी प्रकार की दालें, गुड, कटकर 200 मिली पानी में उबालेंपानी जब मसरूम, पनीर, अण्डा, माँस, मष्तभोजन, आधा रह जाने पर छानकर पिला दें। गुर्दा दर्द में निर्मित |रहेगी पैकेड, डिब्बा आदि। शीघ्र राहत मिलेगी। हैं• बन्द भोजन, सभी प्रकार के नशीले द्रव्य व . === • कच्चा सुहागा, कच्चा नौशादर, लोटासज्जी, व्याधि पदार्थ, अधिक चीनी तथा अधिक नमक, काम, जलाला मी शोग ही हींग काली मिर्च करने क्रोध, भय, चिन्ता, उद्विग्नता, मोह, लोभ आदि तथा सेंधा नमक कूट-पीसकर दवा रख लें। |"कर-पीसकर टला व ले निर्धारित से बचें3-3 ग्राम दवा दिन में तीन बार पिलाएं। गुर्दा हमारे घरेल चिकित्सा :- गुर्दो के सभी प्रकार के दर्द ठीक हो जाएगा। (विकारों में घरेलू चिकित्सा का भी बहुत बड़ा "" • खस की जड, पलाश के फूल तथा गेरू स्वास्थ्य महत्व है। घरेलू चिकित्सा आयुर्वेद चिकित्सा बराबर-बराबर लेकर पीसकर 2-2 ग्राम दवा |की एक कड़ी है। घरेलू चिकित्सा व आयुर्वेद पानी से सुबह-शाम लें। परिपेक्ष्य दोनों का प्रयोग करें। • उच्च रक्तचाप में पतंजलि की द्वारा वक्क दोषहर क्वाथ :- 100-100 ग्राम सभी " दिव्यमुक्तावठी 1-1 गोली सुबह-शाम चबाकर उनके अदत, सोंठ, गोखरु (छोटी), वरुण की छाल, रोचक मकोय, पुनर्नवा, पीपल की छाल, पाषाण भेद, खाकर पानी सेवन करें। अनन्त मूल, तरबूज के बीज, खरबूजा के बीज, • रक्तचापहरी वटी एक-एक गोली दिन में दो ककड़ी के बीज, गिलोय, जीरा, जटामासी, बार लें। कर्मशील दारुहल्दी, कासनी-पंचाग तथा गुल बनफसा. • मधुमेह होने पर वसन्तकुसुमाकर की 1-1 विगत सबको कूटकर रख लें। 25 ग्राम दवा 300 मि. • गोली गाय के दूध के साथ लें।|प्राप्त ली. पानी में मन्द आँच उबाल कर 100 मि.ली. हर बचने पर छानकर रख लें। मधुमेह रोगी फीका • मधुमेह गजकेशरी, चन्द्रप्रभावटी तथा काढ़ा तथा अन्य रोगी मिश्री डालकर प्रातः सायं शिलाजित्वादि वटी 2-2 गोली सुबह-शाम से इतनी-इतनी मात्रा ही पीयें। इसके लगातार फीके दूध से लें। सवन से वक्क का शीर्थ, वक्क का दर्द, वष्क्क • मधुमेहान्तक वटी या मधुमेह हर वटी या सटीक के सभी प्रकार के रोगों में अत्यन्त फायदा होगा। इधये मधुमेह नाशिनी वटी की 1-1 गोली |नाशिनी वी की 1-1 गोली गुर्दे फेल होने से बचा जा सकता है। सुबह-शाम पानी से लें। जानकारियां • वष्क्क शोथ में गोरक्षादि गूगल की कमजोरी की स्थिति में मुक्ताशाक्ति तथा । एक-एक गोली सुबह-शाम पानी से लें। वक्क प्रवाल भस्म मरीज को देंहैशोथ में सुदर्शन वटी तथा आरोग्यवर्धिनी वटी लिए 1-1 गोली सुबह-शाम पानी से लें। पुनर्नवारिष्ट' • द्राक्षासव 15-20 मि.ली. सुबह-शाम मरीज |2-2 चम्मच दिन में तीन बार जल के साथ लें। का निष्ठावान चन्द्रप्रभावटी की दो-दो गोली दिन में दो बार नोट :- चिकित्सा किसी चिकित्सक की संग्रहणीय दूध से लें। देख-रेख में करे तो अधिक लाभ होगा।