खान-पान की गलत आदतें और पर्याप्त मात्रा में 4 मोटापे के कारण पानी पीने की मात्रा और पानी न पीना मुसीबत में डाल सकता है। यह शारीरिक सक्रियता घट जाती है। शरीर में एसिडिक किडनी में पथरी होने का मुख्य आधार भी हो यतिन अधिक बनता हैसकता है। पेट की निचली तरफ अचानक तेज दर्द 5. आसानी से उपलब्ध ओसीटी दवाएं जैसे होने के साथ पेशाब के समय जलन होना या जी लेक्सेटिव, कुछ खास सॉल्ट के साथ एंटासिड और * मिचलाना किडनी में पथरी का संकेत हो सकता है। पथरी, एक या दोनों ओर की किडनी में हो * एफेड्रिन आदि अधिक लेने से स्टोन होने की का आशंका बढ़ जाती हैसकती है। कुछ में यह पेशाब के दौरान बाहर निकलने के बाद दोबारा भी बनती रहती है। खास पथरी की जांच और उपचार :- यह है कि इन दिनों यह समस्या ऐसे यवाओं में 1. मरीज के लक्षण के आधार पर जांच का अधिक मिल रही है, जिनके परिवार में ऐसा तरीका तय किया जाता है। रेडियोलॉजिकल इतिहास नहीं रहा है। लंबे समय तक पथरी का इन्वेस्टिगेशन्स जैसे एक्सरे, अल्ट्रासोनोग्राफी या योगी जी " उपचार न कराने पर किडनी की सुचारू प्रक्रिया में या कम्यूटराइज्ड टामोग्राफी (साटा) के जरिए कमी आ सकती है. साथ ही कैंसर की आशंका पथरी की पुष्टि की जाती है। इनमें से बढ़ जाती है। सीटी स्कैन सबसे मानक माना जाता है। क्या होती है पथरी :- अधिकतर पथरी का 2 2. पथरी का उपचार इसके आकार और जगह पर कारण किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का न निर्भर करता है। चार एमएम से कम की पथरी जमा होना है। पहले स्टोन का छोटा खंड (निस) अपने आप या कुछ दवाओं के जरिए यूरिन के न क बनता है, जिसके चारों ओर सॉल्ट जमा होता रहता रास्ते बाहर निकल जाती है। इसके अलावा मुत्र 13 है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पथरी होने की मार्ग में निचली तरफ आ चुके स्टोन के लिएआशंका अधिक होती है। जेनेटिक कारण, यूरेट्रोस्कॉपी की जाती है। गुर्दे और ऊपर की ओर हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी के स्टोन के लिए लीथोट्राइप्सी को अपनाया जाता कर कोई अन्य समस्या होना भी पथरी की वजह बन है। किडनी का आकार बढ़ने पर नेफ्थोलिथोटॉमी सकता है। को अपनाया जाता है। रेट्रोग्रेड इंट्रा रेनल सजर्रा का खान-पान की गलत आदतें और अस्त-व्यस्त उपयोग सभी तरह की सर्जरी के लिए किया जा जीवनशैली :- 1. पानी की कमी से पेशाब गाढ़ा सकता हैइसमें एक लचीले यूरेट्रोस्कोप को यूरेथ्रा और गहरे पीले रंग का हो जाता है। शरीर द्वारा (मूत्र नली) के जरिए अंदर प्रवेश कराया जाता है। कैल्शियम का सही अवशोषण न होने के कारण पथरी को चिहिन्त करके लेजर के जरिए उसे रेत सॉल्ट जमने और पथरी के कण बनने की आशंका की तरह छोटे-छोटे कण में तोड़ दिया जाता है। ये बढ़ जाती है। कण बाद में अपने आप निकलते चले जाते हैं। इस 2. प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन भी पथरी का तरीके के कई फायदे हैं, खुन कम बहता है, कारण बन सकता है। इनमें सोडियम की अधिकता किडनी को नुकसान नहीं होता, दर्द कम होता है होती है, जिससे कैल्शियम का अधिक उत्सर्जन और कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती होना होने लगता है। यानी पेशाब में सोडियम की मात्रा पडता है। इसकी सफलता दर भी अधिक है। तो बढ़ती ही है, साथ ही यह कैल्शियम उत्सर्जन गुर्दे की पथरी के लिए प्रमुख औषधियां :- गुर्दे का कारण भी बन जाता है। प्रोसेस्ड फूड में फाइबर की पथरी का दर्द असहनीय होता है, इसके मरीजों की कमी भी कैल्शियम ऑक्जेलेट और यूरिक * मराजा एसिड की प्रक्रिया में बाधा बनती है। * की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन औषधियों के प्रयोग से इससे निजात मिलती है। किडनी स्टोन 3. अधिक सॉफ्ट ड्रिक्स का सेवन भी यूरिन में ऑक्जलेट्स के स्तर को बढ़ा देता है। अधिक गलत खानपान का नतीजा है, इसके मरीजों की सॉफ्ट ड्रिक्स व कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन संख्या लगातार बढ़ रही हैगुर्दे की पथरी होने पर शरीर के द्वारा कैल्शियम को ग्रहण करने की क्षमता असहनीय दर्द होता है। जब नमक एवं अन्य को कम करता है। ऐसे में कैल्शियम की आशंका खनिज, जो मूत्र में मौजूद होते हैं एक-दूसरे के बढ़ती है, जो पथरी का कारण बनती है। संपर्क में आते हैं तब पथरी बनती है। कछ पथरी । रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैंतो कुछ मटर के दाने की तरह। आमतौर पर पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाती है, लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही परेशान करती हैजानिए पथरी के उपचार के लिए प्रमुख औषधि के बारे मेंऔर 1 आंवला :- किडनी स्टोन होने पर आंवले का एसिडिक सेवन करना चाहिए। आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से गुर्दे की पथरी निकल जाती हैइसमें जैसे और अल' * अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना - जाता है। इसलिए गुर्दे की पथरी होने पर आंवले का सेवन कीजिए। रेडियोलॉजिकल 2. तुलसी की पत्ती :- गुर्दे की पथरी होने पर अल्ट्रासोनोग्राफी तुलसी के पत्तों का सेवन कीजिए। तुलसी के पत्तों जरिए से में विटामिन बी पाया जाता है जो पथरी से निजात । दिलाने में मदद करता है। यदि विटामिन बी-6 को पर विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिंस के साथ सेवन पथरी किया जाये तो गुर्दे की पथरी के इलाज में बहुत के टा सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं की मानें तो मुत्र 13 विटामिन बी की 100-150 मिग्रा की नियमित लिएओर खु खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है। जाता 3. बथुआ :- बथुआ भी किड कर 3. बथुआ :- बथुआ भी किडनी स्टोन से निजात नेफ्थोलिथोटॉमी दिलाता है। आधा किलो बथुआ लेकर इसे 800 का मिलि पानी में उबालें। अब इसे कपड़े या चाय की जा छलनी में छान लीजिए। बथुआ की सब्जी भी इसमें यूरेथ्रा अच्छी तरह मसलकर मिला लीजिएआधा चम्मच । काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर रेत , , ये निकल जाती है। इस , 4. इलायची :- इलायची भी गुर्दे की पथरी से है निजात दिलाती है। एक चम्मच इलायची, खरबूजे होना के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबाल लीजिए, इसे ठंडा होने के गुर्दे बाद छानकर सबह-शाम पीने से पथरी पेशाब के मरीजों मराजा रास्ते से बाहर निकल जाती है। औषधियों 5. जीरा :- किडनी स्टोन को बाहर निकालने में स्टोन 5. जीरा बहुत कारगर है। जीरा और चीनी को समान पर मात्रा में लेकर पीस लीजिए, इस चूर्ण को अन्य एक-एक चम्मच ठंडे पानी के साथ रोज दिन में के तीन बार लीजिए। इससे बहुत जल्दी ही गुर्दे की पथरी पथरी से निजात मिल जाती है।
खान-पान की गलत आदतें