इन दिनों लोग वातावरण में फैल रहे स्मॉग या वायु चम्मच त्रिफला शहद, गुनगुने पानी या दूध के घी शरीर के विषैले तत्वों को बाहर कर देता हैप्रदूषण से जूझ रहे हैं। स्मॉग के प्रदूषक तत्व सांस साथ ले सकते हैं। इसे शहद के साथ लेना ज्यादा श्वसन-नली बंद है तो पिपरमिंट ऑयल की के जरिये हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं, जो हमारे फायदेमंद है। बच्चों के लिए त्रिफला का सिरप भी 2-3 बूंदें या यूकेलिप्टस ऑयल की 4-5 बूंदें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होते हैं। ये विशेषज्ञ के पास उपलब्ध होता है। जरूरतमंद डाल कर दिन में दो बार 5 मिनट के लिए भाप कुछ समय बाद फेफड़ों की कार्यक्षमता को बच्चे को सोते समय एक चम्मच सिरप दे सकते लेना फायदेमंद साबित होता है। हैं। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट हैत्रिफला हमारे शरीर के तान दोषा- वात, पित्त -नीम की पत्तियों को एक पतीले पानी में उबाल अटैक, डायबिटीज, साइनोसाइटिस आदि स्वास्थ्य और कफ को सम प्रकृति में रखने में सहायक है। लें। इसे नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं। यह समस्याओं का कारण बन सकते हैं। यानी ये दोष अगर बढे या घटे हुए हैं तो त्रिफला त्वचा पर जमे प्रदूषकों को हटाता है और त्वचा को प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है कि आपकी रोग उन्हें संतुलित कर देता है। डिटाक्सिफाई करता है। संभव हो तो हफ्ते में 2-3 प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। प्रदूषण के अति -दिन में दो बार अदरक की चाय पीना फायदेमंद नीम की पत्तियां खा लें। सूक्ष्म तत्व, जिन्हें मेडिकल की भाषा में है। आधा चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच फ्री रेडिकल्स बुलाया जाता है, को साफ करने के शहद मिलाकर लें। अदरक इम्यूनिटी को बढ़ाती है -नियमित रूप से फुल-बॉडी मसाज शरीर के लिए शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त कराना और सांस से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद हैलिम्फटिक सिस्टम को स्वस्थ बनाता है। सर्दियों में जरूरी है। यह तभी होता है, जब आपका पाचन -गले में खराश महसस हो रही हो तो अदरक का सरसो, ऑलिव ऑयल से मसाज कर सकते हैं. तंत्र अच्छी तरह काम कर रहा हो। आयुर्वेद के काढ़ा पिएं। एक गिलास में छोटा-सा अदरक का गर्मियों में नारियल तेल अच्छा रहता है। इससे रक्त हिसाब से आपका पाचन तंत्र ठीक होगा तो शरीर टुकड़ा बारीक काटकर, 4-5 पत्ते तुलसी और में जमा टॉक्सिक बाहर निकलते हैं। रक्त संचार में त्रिदोष- वात, पित्त और कफ कम होंगे, आव 2-3 दाने काली मिर्च के मिलाकर दो कप पानी में बेहतर होता है, ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होती हैनहीं बनेगा, पाचन प्रक्रिया सुचारू चलेगी और उबालें। पानी आधा रह जाए तो छानकर पी लेंऔर शरीर की सफाई होती है। खांसी-जुकाम, सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। ऐसा दिन भर में 2-3 बार करेंइससे गले की प्रदूषण से आंखों में होने वाली जलन में आंखों में वातावरण में फैले प्रदूषण का सामना करने और खराश कम होगी और श्वसन तंत्र दुरूस्त होगा। गुलाब जल की बूंदें सुबह-शाम डाल सकते हैं। प्रतिरोधक क्षमता को दुरूस्त करने के लिए अगर बलगम की शिकायत है तो उस काढ़े में इससे आंखें सफ रहेंगी। खीरे या आलू के स्लाइस आयुर्वेद दैनिक जीवन में अदरक, लहसुन, तुलसी, थोड़ा रॉक सॉल्ट मिला लें। काट कर आंखों पर रख सकते हैं, इससे आंखों नीम, काली मिर्च, पीपली जैसी चीजें अपनाने पर पिसी काली मिर्च को शहद के साथ लेने से सीने को ठंडक मिलेगीप्रदषण से आंखों में होने वाले बल देता है। में जमा कफ दूर होता है, सांस संबंधी समस्या से सूखेपन या जलन से बचने के लिए आंखों को - -नाक को साफ रखने के लिए गाय के शुद्ध घी बचे रहेंगे। । बार-बार ठंडे पानी से धोना चाहिए। इसके लिए की एक-एक बूंद सुबह-शाम नाक में डालनी प्रदूषण से होने वाली समस्याओं से बचने के एक और उपाय आजमा सकते हैं। रात को त्रिफला चाहिए। इससे सांस की नली साफ हो जाती है, लिए एक गिलास दूध में 3 ग्राम या आधा छोटा जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती और चम्मच हल्दी मिलाकर जरूर पिएं। आप एक का पाउडर एक गिलास में भिगो कर रख दें, सुबह हानिकारक तत्व फेफड़ों तक नहीं पहुंचते। चम्मच शहद में 3 ग्राम हल्दी मिलाकर भी ले छान कर इस पानी से आंखें धोने से आंखों को - फेफड़ों को साफ करने में गुड़ बहुत फायदेमंद सकते हैं। आराम मिलेगा। है। इसमें मौजूद आयरन हमारी धमनियों को भी -तुलसी का जुस पिएं। पहले से बने बनाए -बालों को प्रदूषण से बचाने के लिए संभव हो तो साफ करता है, जिससे ब्लड में ऑक्सीजन की 10-15 मिलीलीटर तुलसी के जूस को पानी बाहर जाते हुए बाल ढक कर रखें। नहाने से एक आपूर्ति तेज होती है और श्वास संबंधी दिक्कत मिलाकर दिन में दो बार लें। यह आपकी सांस की घंटे पहले बालों की ऑयलिंग कर अच्छी तरह कम होती है। रोजाना 5 ग्राम गुड़ का सेवन करना नली या श्वसन तंत्र से प्रदूषक तत्व हटाने में मसाज करेंज्यादा देर तक तेल न लगा रहने दें, चाहिए। रात को गर्म दूध के साथ सोते समय भी सहायक है। चाहें तो घर में तुलसी के 5-6 पत्तों क्योंकि वह आपके बालों पर जमकर नुकसान गुड ले सकते हैं। इसे दिन में कभी भी खा सकते को पीस कर उसमें रस निकाल लें। इसमें एक पहुंचा सकता है। हैं। चाहे तो चाय में गुड़ भी डाल सकते हैं और चम्मच शहद मिलाकर ले सकते हैं। " -बाहर जाने पर साफ मास्क का इस्तेमाल करें। इसकी सहायता से तिल के लड्डू भी बना सकते -3 ग्राम पीपली को शहद के साथ मिलाकर ज्यादा घर में गटा -घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। एयर से ज्यादा 7 दिन ले सकते हैं, लेकिन इसे बच्चों कंडीशनर को हाई टेम्परेचर पर भी इस्तेमाल कर -रात को सोते समय त्रिफला ले सकते हैं। यह को नहीं देना चाहिए। इससे सहज सांस लेने में सकते हैं, ताकि कमरे में तापमान ठीक रहे। आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ पाचन मदद मिलती है। -घर की हवा बदलने के लिए सुबह-शाम 10 तंत्र को भी सुचारू करने में मदद करेगा। एक दिन में 2-3 चम्मच देसी घी फायदेमंद रहता है। मिनट के लिए कूलर भी चला सकते हैं। ।
प्रदूषण से सेहत को बचाने के आयुर्वेदिक उपाय