तुलसी

यह श्वास प्रणाली के लिए अच्छी 2. मीठे अनार का छिलका 20 ग्राम मानी जाती है। तुलसी ऑक्सीजन का नमक लाहौरी 3 ग्राम, बारीक करके अच्छा स्त्रोत है। आयुर्वेद के अनुसार पानी में 1-1 ग्राम की गोलियाँ बनाएं। तुलसी का एक पत्ता रोजाना 40 दिन दिन में तीन बार 2-2 गोली चूसें। खटाई तक खाने से मनुष्य निरोगी हो जाता। का परहेज करें। है। तुलसी में बीटा केरोटीन होने से सूखी खांसी :- 1. 6 ग्राम अनार का अच्छी एंटी ऑक्सीडेंट मानी गई है। इसमें मौजूद लिनोलेइक एसिड कोलेस्ट्राल छिलका थोडे दूध में उबाल कर पीने से ऐसा क्या होता है तुलसी पत्ते में- घटाता है। ब्लड शुगर को काबू में रखता है। काली खांसी दूर होती है। एगेनॉल :- इस कंपाउंड से आँतें अच्छी रहती धनिया पत्तो में विटामिन A, C और K होता है। 2. बादाम की गिरी, मुलहठी बीज निकला हैं, डायरिया के बैक्टीरिया मर जाते हैं। शरीर में , सर्दी, जुकाम, खांसी, काली खांसी, सूखी मुनक्का सब 10-10 ग्राम बारीक करके चने अकड़न नहीं होती। खांसी के लिए घरेलू नुस्खे- के बराबर गोलियाँ बनायें। दो दो गोली मुँह में अजवायन :- अजवायन में किसी अन्य हब्र्स 4 जवा. जलीय में अटल डाल कर दिन में चार बार चुसें, सूखी खांसी में या फल के मुकाबले कैंसर से लड़ने की ३ आराम मिलेगा। का रस बराबर मात्रा में मिला कर चाटने से आरा ताकत 20 गुणा अधिक होता है। एक चम्मच जण टा होता है। बराक दो चम्मच आधा चम्मच पिसी हुई काला मिच, एक अजवायन हर दिन लें तो एक सेब के बराबर एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। 2. नजला, जुकाम :- एक चम्मच पिसी चम्मच पिसी हुई सौंठ में एक चम्मच शहद हल्दी को एक गिलास दूध में डाल कर खब मिलाकर प्रति दिन सुबह, दोपहर, शाम तीन ऐसा क्या होता है अजवायन के पत्ते में - उबालें। उसके बाद गुनगुना करके हल्दी-दूध बार बार सेवन करने से एक महीने में सुखी खांसी इसके पत्तों में विटामिन ए, पोटैशियम, मैग्नीज, का सेवन करायें। दस दिनों के सेवन से ही दूर होती हैफौलेट आयरन होता है। इसमें थायमाल होता नजले, जुकाम से छुटकारा मिल जाएगा। ए.डी.-106-सी, पीतमपुरा,दिल्ली -34 फोन नं. 9555622323 है, जो त्वचा फंगस को दूर करता है। 3 नजला, जकाम, खांसी :- मुनक्के, कढी पत्ता :- कढी पत्ता दाल, कढी, ढोकला सफेद काली मिर्च तथा 11 बादाम की गिरी और कई अन्य चीजों में लोग स्वाद व गंध के तीनों को कूट पीस कर चूर्ण बना लें। रात को लिए डालते हैं। यह पाचन तंत्र को सुधारता है। सोते समय 20 दिन तक लगातार चूर्ण गाय के यह दिल व लीवर को दुरूस्त रखता है। इसमें दूध के साथ सेवन करायें। तीनों रोगों से विटामिन ए की भरपूर मात्रा होती है। छुटकारा मिल जाएगा। ऐसा क्या होता है कढ़ी पत्ते में - 4. खांसी :- पाँच लौंग तथा 10 ग्राम अनार एक पत्ते में 6 भाग प्रोटीन, 1 भाग फैट, 16 का छिलका लेकर कूट-पीस कर एक चम्मच भाग कार्बोहाईड्रेट है। 66 भाग नमी और 6 शहद में मिलाकर दिन में तीन बार सुबह, भाग मिनरल पाए जाते हैं। दोपहर और शाम सेवन कराएं। एक हफ्ते के हरा धनिया :- हरा धनिया बैड कोलेस्टाल सेवन से ही खांसी का रोग दूर हो जाएगा। खत्म करता है। एंटी माइक्रोबियल और 1, 30 ग्राम अदरक के रस में 30 ग्राम शुद्ध एंटीफंगल गुण होने से शरीर माइक्रोब्स और शहद मिलाकर थोड़ा गर्म कर लें। फिर ठण्डा फंगस से मुक्त होता है। यह एसिडिटी घटाता करके दिन में चार पाँच बार एक एक चम्मच है। ऐसा क्या होता है हरा धनिया पत्तों में - यह बना हुआ मिश्रण प्रयोग करें खांसी में लाभ होगा।