पहले से रहें तैयार वर्षा ऋत दस्तक देने तकलीफे, चर्मरोग, जोड़ों का दर्द, जुलपित्ती, जेडीएस होम्योपैथिक हॉस्पिटल वाली है। शीतल जल की फुहारों से सर्दी-खांसी, डेगू वर्षा के रोगों की सूची बहुत में किरोसिन तेल, ब्लीचिंग पाउडर या मूसलाधार वर्षा तक होने वाली वर्षा ऋतु, लंबी है। फिनाइल जैसे कीटनाशक पदार्थों का छिड़काव आकाश में छायी घटाएँ, चारों ओर दरअसल इस मौसम में सबसे ज्यादा लोगों करें। इससे आप मच्छरों से बचेंगे। हरियाली. ग्रीष्म ऋत की भीषण गर्मी, लु, में खुजली की समस्या पाई जाती है जो कि सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगाऊँ धूल के बवंडर और तेज गर्मी से फटी व्यक्ति के शरीर पर गोलाकार होने के मच्छर मारने की टिकिया या अगरबत्ती का धरती को अमृतमय धारा से तृप्त कर देने साथ-साथ फैलती चली जाती है, जिसे या । व्यवहार करना घातक हो सकता है। इनसे वाली यह वर्षा ऋतु केवल सुंदर ही सुंदर डॉक्टरी भाषा में रिंगवर्म के नाम से जाना जाता निकलने वाले धाएँ से एलर्जी और कैंसर जैसी नहीं है, बारिश की ह। यह व्यक्ति के शरीर में नमी वाली जगह बीमारियाँ भी हो सकती हैं। बीमारियां भी लाती हैं। मौसम में अचानक पर विद्यमान होती है और कभी-कभी पानी आया परिवर्तन आपके स्वास्थ्य पर बुरा भरे या मवाद भरे दानों के रूप में भी दिखाई : । 4. भोजन बन जाए तो उसे खुला न छोड़े, तुरंत असर डालता है। ऐसे में यदि खान-पान को पड़ती है, जिससे काफी खुजली होती है। ढक देंइससे उसमें मक्खियाँ नहीं बैठ लेकर थोड़ी सावधानी बरती जाए तो सकेंगी। इसके अतिरिक्त फोड़े-फसियों की जो । मौसम का आनन्द उठाते हुए आप खुद को हालत होती है वह तो व्यक्ति को रुला कर ही 5. कूलर में जमे पानी को निकाल दें अन्यथा स्वस्थ भी रख सकते हैं। रख देती है। देखने में आया है कि कभी-कभी डेंगू के शिकार हो सकते हैं। जैसे चाँद में काले दाग होते है न, वैसे ही इस ये शिकायतें इतना गंभीर रूप धारण कर लेती 6. ठंडे भोजन को गर्म करके लें। मनोरम वर्षा ऋतु में भी कुछ कमियाँ हैं। केवल हैं कि व्यक्ति को इस पर काबू पाना बेहद 7. बजारों में मिलने वाले खाद्य न लें। यदि लेने कुछ कमियाँ नहीं, बल्कि बहुत अनेक कठिन हो जाता है। अंततः वह संक्रमित होकर ही पड़े तो जाँच कर लें कि बासी है या ताजा खतरनाक रोगों का घर है यह मौसम। मौसम में रोगी अस्पताल की ओर रुख कर बैठता है। और कहीं उस पर मक्खियाँ तो नहीं बैठी हैं। इसके साथ ही अन्य त्वचा केवल वही खाद्य पदार्थ लें जो शुद्धता पूर्वक संबंधी बीमारियों पर गौर बनाया गया हो, ताजा हो और मक्खियों के फरमाना भी बेहद अनिवार्य है। संस्पर्श में आया हुआ नहीं हो। आइए, देखें कि इन रोगों 8. पीने का पानी उबाल कर ही पियें। पानी से हम अपना बचाव कैसे कर साफ करने वाली मशीनों पर विश्वास न करें। सकते है। यहाँ हम उपरोक्त o सब्जियों को धोने से पहले पानी में थोड़ा रोगों के अलग-अलग बचाव पौटेशियम परमैंगनेट मिला लें और उस पानी से के बारे में कुछ लिखना नहीं सब्जियों को धोएँ। चाहते। हम चाहते हैं आपको कुछ सामान्य नियम बताना। " * 10. बाहर से घर आएँ तो सबसे पहले हाथ-पैर। यदि आप इन 3 = अच्छी तरह धो लें। पालन करेगें तो बहुत संभव है 11. कपड़े को जिस पानी से धोएँ, उसमें पहले। तापमान में बार-बार बदलाव और उमस के कि आप दवाओं से भी बचे रहेंदवा लेने की थोड़ा डिटोल या सेवलोन मिला ले। कारण बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया और जरूरत ही आपको न पड़े। इन नियमों का 12. बरसात के मौसम में दही, आइसक्रिम वायरस तेजी से पनपते हैं। इस कारण पाचन पालन वर्षा ऋतु में होने वाले रोगों से आपकी जैसी ठंडी चीजें न खाएँ। किया ठीक नहीं रहती। इंफेक्शन, एलजी, रक्षा करेगा। निम्नलिखित बातों पर गौर करें- 13. बच्चों को बरसात में भीगने न दें ताकि वे सर्दी-जुकाम, डायरिया, फ्लु, वायरल पेचिश, . ॥ 1. घर के पास वर्षा का पानी जमा न होने दें। सर्दी-खाँसी से बचे रहें। बरसात के पानी में । लीवर के रोग, हैजा, टाइफाइड या आंत्रिक ज्वर, मलेरिया, वायरल फीवर, श्वास की 2. घर की तथा घर के आसपास की नालियों भींगने पर बच्चे निमोनिया के शिकार भी बन सकते हैं। 14. पीने का पानी जिन बरतनों में रखते हो, डॉक्टर की सलाह लेना अवश्य फायदेमंद अक्सर खतरा बना ही रहता है। इसीलिए इन उन्हें पानी भरने से पहले हर बार गर्म जल से होगा। रोगियों को चाहिए कि वे चिकित्सक के साफ कर लें। 8. इस मौसम में बेहद अनिवार्य बात जो ध्यान सम्पर्क में रहें तथा ब्लड शुगर को नियंत्रित 15. भोजन करने से पहले हाथों को किसी देने योग्य यह है कि बरसात के मौसम में करने के लिए दवाइयां लेते रहे। इस तरह अच्छे साबुन से धोएँ। व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम निश्चित तौर पर आप बरसात में उत्पन्न होने सावधानियां :- 1. बरसात के मौसम में खद होती है, इसीलिए इन बीमारियों से बचने हेत वाली अनेक बीमारियों का मुकाबला करने में को ज्यादा समय तक गीला नहीं रखें। जहां तक संतुलित आहार उचित मात्रा में अवश्य लें सफल होंगे और आपका स्वास्थ्य भी उत्तम हो सके गीले कपड़े बदल कर सूखे कपडे क्योंकि संतुलित आहार न सिर्फ शरीर को बना रहेगा। पहनें बेहतर रहेगा। ' शक्ति प्रदान करता है वरन् स्फूर्ति भी देता है। वर्षा ऋतु के लिए कुछ उपयोगी 2. जहां तक संभव हो वहां तक इस मौसम में मानसून में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान होम्यूपिथिक औषधियां :ढीले एवं हल्के कपड़ों को प्राथमिकता दें देना चाहिए। सफाई में हाथों की सफाई विशेष उपरोक्त नियम साधारण हो सकते हैं. परंत क्योंकि इस तरह आप शरीर को खुला-खुला आवश्यक है, इसलिए खाना खाने से पहले अत्यंत महत्त्वपूर्ण भी हैं। यदि आप सही तरीके महसूस कर सकेंगे और शरीर को भी आराम हाथ जरूर धो लें। अगर आप नाखून बढ़ाने के से इन नियमों का नियमित रूप से पालन करें मिलेगा। इसके लिए आप सूती कपडे का चयन शौकीन भी हैं, तो इस मौसम में छोटे नाखन तो वर्षा ऋतु में होने वाले रोगों से बच सकते हैं। अत: इन नियमों को साधारण और सर्वज्ञात करते हैं तो काफी बेहतर साबित होगा। रखे। समझकर इनकी उपेक्षा न करें। याद रखें, ये 3. ध्यान रहे कि बरसात के मौसम में बरसाती आपका आहार :- थोड़ा हल्का खाना खाने नियम वर्षा ऋतु में फैलने वाले रोगों से आपको पानी से नहाने के उपरांत शरीर को स्वच्छ पानी की आदत डालें, जो आसानी से पच सके नि से पूरी तरह से पुनः साफ कर लें ताकि शरीर क्योंकि बरसात में गैस, अपच जैसी पेट की बचाने वाले रक्षक हैं। कुछ होम्योपैथिक दवाएँ भी है, जो वर्षा ऋतु में आपको स्वस्थ रखने में में किसी तरह की गंदगी, मिट्टी एवं कीचड समस्याएं अधिक होती हैं। बाहर का खाना या माह सहायक होती है, परंतु यहाँ में यह बात जोर आदि शेष न रह जाए वरना संक्रमण फैलने की बासी खाना ना खाएं। देकर कहना चाहूंगा कि यदि आपने उक्त संभावना ऐसी हालत में अवश्य होती है। पीने का पानी :- अपने फ्रिज की बोतलों का नियमों का पालन नहीं किया और आसपास के 4. यदि बरसात में दोस्तों के संग मस्ती करते बदलने की आदत डालें। बाहर का जूस या वाताव जूस या वातावरण को साफ-सुथरा नहीं रखा तो ये समय चोट लग जाए तो उसे नजर अंदाज करने पानी ना पीयें, बोतलबंद पानी या उबले हुए अंदाज करने पानी ना पाय, बोतलबंद पाना या उबले हुए दवाएँ आपको किसी काम नहीं आ सकती. की बजाय उसे गंदे पानी व गंदगी वाली चीजों पानी को ही पीने की आदत डालें। आपकी कोई सहायता नहीं कर सकती। अतः की पहुंच से दूर रखें और जल्दी ही डॉक्टर से इनडोर गेम्स :- मानसून में भीगने का डर स्वयं स्वच्छ रहना, आसपास के वातावरण को परामर्श लेकर इस पर दवाई लगाएं तो अति अधिक रहता है, इसलिए बच्चों को इनहाउस उत्तम होगा। इसके लिए एंटीसेप्टिक क्रीम या गेम्स खेलने को ही प्रेरित करें। घर और लोशन आदि भी प्रयोग के लिए काम में लाए आस-पास अपने घर के आस-पास पानी ना जा सकते हैं। जमा होने दें। मानसून आने से पहले से ही 15. चोट लगने के स्थान को आगे तक ढक कर साफ-सफाई की आदत बना लें। रखें ताकि मक्खियों आदि से इसको बचाया जा मानसून केयर :- मानसून में अपनी देखभाल सके। इसी बीच पट्टी से चोट को बांधो, तुरंत के लिए कुछ आदतें अभी से ही बना लेंराहत मिलेगी। 1. पूरी बांह के कपड़े पहनें, जिससे आप 6. यदि वर्षा ऋतु में आप अक्सर मच्छरों से बच सके। फोड़े-फुसियों की समस्याओं से परेशान रहते 2. घर के आस-पास पानी ना जमने दें। हैं तो ऐसे स्थान पर एंटीसेप्टिक लोशन जरूर • 3. अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने स्वच्छ स्वच्छ रखना और उपरोक्त नियमों का पालन लगाएं। ध्यान दें कि इन फुसियों को नाखूनों के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें। करना सर्वाधिक आवश्यक हैयदि आप कभी न नोचें, नहीं तो यह संक्रमित होकर औ किसी रोग की गिरफ्त में आ ही जाएं तो अधिक मात्रा में फैलने लगेंगी। 4. फास्ट फूड से परहेज करें। निम्नलिखित दवाओं का सेवन आप कर सकते 7. कुछ लोगों को इस ऋतु में दाद की समस्या 5. पीने के पानी का खास ख्याल रखें। की शिकायत हो जाती है होम्योपैथिक दवाई इसके अलावा जो लोग मधुमेह से ग्रसित । डल्कामारा-30- वर्षा ऋत में यह पहली को अमल में लाकर इसे जड़ से खत्म किया हैं, उन्हें इस मौसम में ब्लड शुगर को कंट्रोल दवा हैइस दवा का उपयोग पानी में भीगने के जा सकता है।
वर्षा ऋतु में होने वाले रोग एवं होम्योपेथिक चिकित्सा