महिला के लिए गर्भ धारण करना एक • गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी • वैसे तो प्रेग्नेंसी के दौरान हवाई यात्रा सुरक्षित सुखद पल होता है इस दौरान उसे कई सावधानियां मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। नहीं होती लेकिन किन्हीं कारणों से यदि आपको बरतनी पड़ती अखिर वो मां बनने वाली होती है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ ऐसे हवाई यात्रा करनी पड़े तो आपको गर्भावस्था के यात्रा को लेकर गर्भवती महिलाएं अक्सर दुविधा में हार्मोन बढ़ जाते हैं जो जी मिचलाने के लक्षणों से 14 से 28 सप्ताहों के बीच में ही यात्रा करनी रहती हैं। लेकिन, जरा-सी सावधानी बरतकर आप लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देते हैं। चाहिए व उससे पहले अपने डॉक्टर की सलाह प्रेगनेंसी के साथ भी ट्रेवल कर सकती हैं। .ी में आती तीन महीने और ला के लेना कभी न भूलें। यह कोई बड़ी बात नहीं है। आज के जमाने में तीन में तीन महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं, इस • लंबा सफर करने से बचें। यदि आप ट्रैवल कर ऐसी बहुत सी कामकाजी महिलाएं हैं जो प्रेग्नेन्सी ग्नन्सी दौरान सफर करने से बचना चाहिए। शुरुआती भी रहे हैं तो अपने साथ पानी की पूर्ण सुविधा रखें । क दारान भा आफिस जाता है और उनका महीनों में मिसकैरेज का खतरा बहत ज्यादा होता जिससे पानी की कमी न होने पाए। डिलीवरी भी सामान्य होती है। लेकिन आपकी प्रेगनेंसी में कॉप्लिकेशन्स हैं तो आपको सफर में । हैपहले तीन महीनों के बाद वोमीटग को प्राबल्म • कहीं भी जाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह भी कम हो जाती है। अपना खास ख्याल रखना होगा। अगर आप प्रेगनेंट जरूर लें और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। हैं और सफर करने वाली हैं तो इससे पहले अपने इस बात करते हुए आईवीएफ विशेषज्ञ • ट्रैवल पर जाते समय डॉक्टर के निर्देशों का डॉक्टर की इजाजत जरूर ले लें। अधिकतर मामलों , डॉक्टर श्वेता गोस्वामी ने बताया कि शरीर में पानी की कमी न होने दें, अगर आप विमान से ) में प्रेग्नेन्सी के दौरान ट्रेवलिंग सेफ होती है भले ही पी पालन करते हुए सभी दवाईयों को अपने साथ रखें आप रेवलिंग कार में कर रहे हों व से या फिर सफर कर रहे हैं तो नमी का स्तर कम होने के आर अपने डॉक्टर के पपस आर डॉक्टर का नबर ट्रेन से लेकिन अगर कछ प्रिकॉशन्स को ध्यान में कारण डीहाइड्रेशन की संभावना होती है। पैर हमेशा अपने साथ रखें। जिससे आपातकालीन में रखें तो आपको और आपके बच्चे को किसी भी फैलाने के लिए पर्याप्त जगह वाली सीट लें तो आप उसका उपयोग कर पाएं। अचानक होने वाली घटना से बचाया जा सकता है। अच्छा। रेस्टरूम सीट के करीब ही हो तो अच्छा । अच्छा। रेस्टरूम सीट के करीब ही हो तो अच्छा • गाड़ी में यात्रा के दौरान खिड़की खोल कर रखें हालाँकि इतनी भीड़, वाहनों की आवाजें तथा रहता है। और सीट बेल्ट को पेट के नीचे बांधे। शोर-शराबे के कारण बस में सफर करना आसान डाक्टर श्वेता गोस्वामी ने बताया कि सफर, 6 , 35 नहीं है लेकिन अगर बस में सफर करने के अलावा के दौरान कार में सीट बेल्ट पेट के नीचे बांधे। कार । कोई चारा ना हो तो सफर करना ही पड़ता है कुछ की अगली सीट पर बैठे और स्वच्छ हवा के लिए वै हिला और उन या. बातों को ध्यान में रखकर अपना सफर खिड़की खुली रखें। ब्लड प्रेशर सामान्य रखने, आपको अपना पोस्चर बदलने में दिक्कत न हो। आरामदायक जरूर बना सकते हैं। ऐंठन और सूजन से बचने के लिए पैरों को फैलाते गर्भवती महिलाओं को हो सकती है दिक्कतें और हिलाते डुलाते रहें। अगर आप समुद्री यात्रा के • सीट पर पीछे की तरफ कमर ऐसे टिका कर बैठे - टूवालग उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो लिए जा रहे हैं तो यात्रा के दौरान हाशाज जिससे कोई दर्द न हो। सकती हैं, जिनकी प्रेगनेंसी हाई रिस्क पर है या के चलने के दौरान आपको उल्टी आने का • सफर पर जाने से पहले वहां के माहौल और फिर डॉक्टर ने जिन्हें पूरी तरह बेड रेस्ट की सलाह एहसास या फिर मॉर्निग सिकनेस जैसा महसूस हो मौसम की पूरी जानकारी ले लें और उसी हिसाब दी है। ऐसी महिलाओं को ट्रेवलिंग के दौरान सकता है। सफर से पहले पता कर लें कि जहाज से कपड़े लेकर जाएं। काफी समस्यायें हो सकती हैं। जैसे- सफर का पर कोई डॉक्टर है या नहीं। लंबा वक्त रोड खराब होने पर, लंबा सफर करना, सफर के दौरान कैसे करें सेफ ट्रैविलिंग :- मन में कोई दवा न खाएं अपने डॉक्टर या फिर • ट्रैवल के दौरान कोई भी समस्या होने पर अपने सफर के दौरान मेडिकल सुविधा ना होना आदिप्रेग्नेंसी का दूसरा फेज यानी 3 से 6 महीने के बीच कुछ ऐसे पहलू हैं, जिनसे प्रेगनेंसी पर असर पड़ . नजदीकी किसी डॉक्टर से जरूर कसंल्ट कर लेंका समय सुरक्षा की दृष्टि से सेफ होता हैं। इन सकता है। महीनों के दौरान आप आसानी से ट्रैवल कर • अधिकतर समय शांत रहें। क्योंकि आप जितनी • ट्रेवलिंग गर्भवती महिला की डाइट तथा सकती हैं क्योंकि इन महीनों में मॉर्निग सिकनेस, अशांत रहेगी, आपके बीमार होने की आशंका व्यायाम के रुटीन को प्रभावित करती है। एक अधिक थकान, सस्ती जैसी शिकायतें कम ही उतनी ही अधिक हो जाएगी। खुद को शांत रखने गर्भवती महिला को ट्रेवलिंग के दौरान स्वस्थ रहने होती हैं। का सबसे कारगर तरीका होता है सांस को नियंत्रित के लिए पौष्टिक भोजन, सही प्रकार से आराम व खूब सारे फ्लूइड्स तथा लाइट एक्ससाइज भी • सेफ ट्रैवल के साथ ही जरूरी है कि आप इस करना। यानी जितनी देर में सांस लें, उतनी ही देर जरूरी होती है इसकी वजह से आपको ट्रेवलिंग के बात का भी ध्यान रखें कि आपको ऐसी जगहों पर में छोड़ें। इससे शारीरिक या मानसिक किसी भी दौरान अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करना जाने से बचना है जहां किसी संक्रमित बीमारी की तरह का तनाव अपने आप घट जाएगा। हृदय गति पड़ता है। प्रकोप फैला हो। और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहेगा।
यात्रा के दौरान अपने गर्भ का रखें खास ख्याल