सात्विक, राजसी और तामसी आहार

मनुष्य हैं, शरीर धारण किए हुए हैं तो तंत्र में नहीं होते (मांसाहारी पशुओं के शरीर में शाकाहारी भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और स्वाभाविक रूप से जीवन को चलायमान रखने होते हैं) इसे तामसी भोजन ही कहा गया है। जब वसायुक्त पदार्थ भी पाये जाते हैं जो स्वास्थ्य के के लिए आहार अनिवार्य है। आहार से शरीर को किसी पशु को मारने के लिए काटा जाता है तब लिए लाभदायक होते हैं। शाकाहारी भोजन में शक्ति मिलती है और सभी अंग कार्यशील रहते भय के कारण उसके शरीर में नकारात्मक रस शरीर की जरूरत के हिसाब से कैलोरीज और हैं। सवाल है कि आहार क्या हो और कैसा हो। उत्पन्न होता है। ऐसा आहार भी नकारात्मकता विटामिन पाये जाते हैं। शाकाहार में फाइबर भी शास्त्र में कहा है-‘मानएव मनुष्याणाँ कारणाँ को बढ़ावा देता है। पाचन तंत्र में अधिक ऊर्जा प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैमोक्ष बन्धयोः। बन्धाय विषयासक्त' मुद्रौ उसे पचाने में लगती है और थकान का अनुभव हृदय रोगों की संभावना कम :- शुद्ध आहार निर्विषयं मनः॥' अर्थात्-मन ही मनुष्य के भी होता है। ऐसा तामसी आहार तो लेना ही नहीं करने वाले व्यक्तियों को हृदय से संबंधित रोग बंधन और मोक्ष का कारण है, क्योंकि विषयों में चाहिए और बहुत जरूरी है तो बहुत ही कम होने की संभावना कम रहती है क्योंकि मांसाहार फंसा हुआ मन बंधन में है और विषयों से छूटा मात्रा में लेना चाहिए। की तुलना में सात्विक आहार में संतृप्त वसा हुआ मुक्त है।' जब बंधन और मोक्ष कारण मन सात्विक आहार हमारे तन और मन दोनों के और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है जिससे ही है, तो मन पर ही क्यों न नियंत्रण किया लिए अच्छा हैअब यह जानना जरूरी है कि यह हृदय रोगों की आशंका कम करता है। जाए? मन को नियंत्रण करने की एक अमोध सात्विक आहार क्या है? जो आहार शरीर की ऊर्जावान बनाए :- सात्विक आहार के औषधि है, जिसकी महिमा का वर्णन शास्त्रों में मशीन में आसानी से पचे और विकार न पैदा अतिरिक्त प्रभाव नहीं हैयह जल्दी खाना पचाने विशद रूप से किया गया है, वह है ‘सात्विक करे हमारे शरीर की ग्रंथियों से उत्पन्न रस से में मदद करता है। यह मस्तिष्क को सचेत रखते आहार'। आहार तीन प्रकार के हैं-सात्विक, बिना किसी अधिक तकलीफ के पची वही हुए उसे बुद्धिमान बनाता है। सात्विक आहार राजस तथा तामस। सात्विक आहार सबसे सात्विक आहार है। गरिष्ठ आहार जो शायद करने वाले व्यक्ति कम अवसादग्रस्त रहते हैं। उत्कृष्ट माना गया है, क्योंकि इससे मन पवित्र स्वाद में अच्छा लग सकता है लेकिन शरीर को और तरोताजा महसूस करते हैं। होता है तथा आत्मिक शक्ति बढ़ती है। आत्मिक उसे पचाने में ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़े तो हाई ब्लड प्रेशर से बचाव : शाकाहारियों में बल ही मनुष्य का सच्चा बल है। यहां यह तन तो स्फूर्तिदायक रह नहीं पातायही तीनों हाई ब्लड प्रेशर की संभावना मांसाहारियों की व्याख्या करना जरूरी है तीनों तरह के आहार प्रकार के आहार का विश्लेषण हैअब हर तुलना में बहुत कम होती है और यह वजन व कैसे होते हैं। जैसा आहार, वैसा विचार, वैसा व्यक्ति को स्वयं सुनिश्चित करना है कि किस नमक पर निर्भर नहीं करता। ऐसा इसलिए होता मन और वैसी ही प्रवृत्ति बनती है। सात्विक प्रकार का आहार लिया जाए ताकि आहार का है क्योंकि ऐसे लोग कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट आहार का मतलब है वह आहार जो शरीर के मुख्य उद्देश्य (ऊर्जा प्राप्त करना और शरीर को ज्यादा मात्रा में ग्रहण करते हैं और इनमें लिए सुपाच्य, शक्ति देने वाला हो और इस पुष्ट करना) पूरा हो सके न कि बीमारियों को शारीरिक स्थूलता भी कम होती है। विचार से ग्रहण किया जाए कि जीवन जीने के आमंत्रण मिले। ज्यादा मात्रा में भी आहार लेना कैंसर से बचाव : सात्विक आहार में विभिन्न लिए पर्याप्त मात्रा में आहार लिया जाए। आहार रोग को आमंत्रण ही है क्योंकि फिर पचाने में प्रकार के रोगों से भी आपको बचाता है। ताजा हो और मन को प्रसन्न भी करे और तकलीफ होगी। जिस दिन ज्यादा आराम करना सात्विक आहार का सेवन करने वाले व्यक्तियों आत्मीयता बढ़ाए। सात्विक आहार में सभी ताजे हो उस दिन कम आहार और जिस दिन ज्यादा में कई प्रकार के कैंसर रोगों जैसे फेफड़ों का फल, ताजी बनी रोटी, दाल, हरी सब्जियां, काम करना हो थोड़ा अधिक आहार यही ठीक कैंसर, आंत का कैंसर इत्यादि की संभावनाएं भी अंकुरित दाल, सलाद ताजा फलों का रस आदि है। सुबह का नाश्ता भारी (व्यायाम करने के कम होती हैंआते हैं। इसके अतिरिक्त राजसी आहार वह जो पश्चात्), दोपहर का आहार ठीक-ठीक और किडनी रोगों से बचाव : किडनी की समस्या खाने में स्वादिष्ट तो हो, लेकिन शरीर के लिए रात का आहार कम और शाम आठ बजे तक खा या इससे होने वाले रोगों में भी सात्विक आहार पचाने में कष्टकारी और इस भाव से खाया जाए लेना ठीक रहता है और उसके बाद सोने से लाभकारी है। सात्विक आहार किडनी से कि खाने के लिए ही जीना है। पहले दूध ले सकते हैं। संबंधित रोगों की रोकथाम में सहायक होता है। तामसी आहार वह है जो बिना ज्ञान के सात्विक आहार के फायदे अध्ययनों के अनुसार, यूरीन के द्वारा प्रोटीन का कि यह पचेगा या नहीं, शरीर के लिए कैसा है पोषक तत्वों से भरपूर :- सब्जियों में बहुत से निकल जाना, कोशिकाओं द्वारा रक्त छनने की यह विचारे बिना बासी, जूठा, बचा खुचा और आवश्यक तत्व जैसे विटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट, गति, किडनी में रक्त संचार और किडनी से गंदगी के साथ खाया जाए। मांस आदि जिसको अमीनो एसिड इत्यादि पाया जाते हैं जिससे कई संबंधित विकार मांसाहारियों की तुलना में पचाने के सही तत्व (रस) हमारे शरीर के पाचन घातक बीमारियों से बचा जा सकता है। शाकाहारियों में कम पाए जाते हैं।