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गुणकारी पतियां 1 ।। अम्लीय होती हैं। जानवर भी इन पत्तियों को खाना पसंद नहीं करते इसी कारण जहां इन पत्तियों की खेती होती है वहां जानवरों से सुरक्षा हेतु कोई बाड़ा नहीं बनाना पड़ता। अतः इन पशुओं से सीख लें • श्यामा दीदी और इन पत्तियों का त्याग कर देने में ही भलाई है। सृष्टि में यदि खाद्य पदार्थों की बात करें तो ईश्वर दध में कैल्शियम तो है किंत दध में यरिक एसिड से - सामान्य रूप से सभी साग-सब्जी की पत्तियां शरीर ने सर्वप्रथम पत्तियों का सृजन किया। मानो ईश्वर तथा कोलेस्ट्रॉल शरीर को रोगी बनाते हैं। दध की क लि मनुष्य को संकेत दे रहा हो कि मैंने तुम्हारे भोजन शदता भी आज के यग में पर्ण रूप से संदिग्ध ही अवस्था में अनेक प्रकार को अलग-अलग पत्तियां की पहली खुराक तुम्हें दे दी है। वास्तविकता यह है। जिस जानवर का दध हम पीते हैं उसकी का अपना विशेष महत्व है। है कि हमारे भोजन में यदि पहली खुराक पत्तियों शारीरिक रुग्णता का प्रभाव भी उसके दूध के दर्वा (दब घास ) की पत्ती : आंतरिक अथवा की हो सके तो स्वास्थ्य की और उठने वाला यह माध्यम से हमारे शरीर पर पड़ता है। यदि शरीर में बाहय रक्तस्राव को रोकने व उदर रोगों में विशेष पहला कदम साबित हो सकता है। कैल्शियम की कमी है तो हम आपको बताना सहायक। विचारणीय है कि हमारे सभी देवताओं का चाहेंगे कि वैज्ञानिक शोधों में आश्चर्यजनक सत्य तुलसी : सभी प्रकार के संक्रमण व दर्द में पूजन भी पत्तियों से किया जाता है। क्यों? क्योंकि उजागर हुए हैं। जहां एक ओर मां के दूध में 28 उपयोगी। यही उचित है। देवताओं में प्रथम पूज्य गणपति जी कैल्शियम, गाय के दूध में 120 कैल्शियम, भैंस की उन्ना. हाई बी पी रक्ताल्पता में प्रभावी महाराज का पूजन दूर्वा से किया जाता है। दूर्वा के के दूध में 210 कैल्शियम पाया जाता है वहीं . पत्तागोभी : मूत्रल एवं किडनी रोग में विशेष बिना गणेश जी मोदक का भोग स्वीकार नहीं शलजम की पत्ती में 710, इमली की पत्ती में । उपयोगी, अल्सर, नपुंसकता, एलर्जी, दुर्बलता में करते। इसी प्रकार विष्णु भगवान का भोग तुलसी 1485 तथा सरसों के पत्तों में 3095 कैल्शियम । लाभकारी। पत्र तथा शिव जी का भोग बेल पत्र के बिना पाया जाता है। यदि हम कुछ पत्तियों का सेवन सम्भव नहीं है। ऐसा विधान इसीलिए बनाया गया करने लगे तो कैल्शियम की पूर्ति भी हो जाएगी । धनिया पत्ती : नेत्र रोग वाले विटामिन बी का जिससे मनुष्य भी इससे सीख लें और अपने भोजन और यूरिक एसिड व कोलेस्ट्रॉल के दुष्प्रभावों से । अभाव व रक्ताल्पता में उपयोगी। में पत्तियों को प्रथम स्थान दें। पत्तियों में हम बच जाएंगे। पत्तियों में शोधन का गुण होने के नीम की पत्ती : अस्थमा, मधुमेह, चर्म-रोग, खून क्लोरोफिल नामक तत्व पाया जाता है जो शरीर में कारण यह अंदर संचित मल को साफ करने में की अशुद्धता में उपयोगी एवं प्रभावशाली रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करता है। यदि मददगार हैं। पत्तियों के इसी गुण के कारण इनका एटिबायटिका आपके शरीर में यह तत्व रहेगा तो कोई भी सेवन करने से शरीर में मल का संचय रूक जाता पपीते का पत्ता : रक्त में प्लेटलेट्स बढ़ाने संक्रामक रोग आप पर आसानी से आक्रमण नहीं है। शरीर के अंदर मल की सड़न के कारण बनने में विशेष।कर सकेगा। बात चाहे क्लोरोफिल की हो, वाली गैस तथा एसिड्स से मुक्ति मिलने लगती है। शरीफा (सीताफल ) का पत्ता : मधुमेह में आयोडिन की अथवा अन्य खनिज लवणों की, ये इसी कारण पत्तियों का सेवन करने वाले सभी विशेष उपयोगी। सारे तत्व आग पर चढ़ने से नष्ट हो जाते हैंअतः जानवरों के मल में भी बदबू नहीं होती जैसे पत्तियों बेलपत्र : संक्रमण, टी.बी., कब्ज, बी.पी., बुखार,