मोटापा दोषी कौन

मोटापा दोषी कौन था जिन , अन प्रतिसाद 3. दोपहर का नाश्ता : रस 100 प्रतिशत अनानास, गन्ना आदि। 4. रात्रि का भोजन : फल 50 प्रतिशत पपीता, सेब, अगूर, लीची, नाशपाती, अमरूद भीगा सेक 10 प्रतिशत मुन्नका, किशमिश,  अंजीर प्रोटीन 5 प्रतिशत फीका दूध, दलिया, मक्के के फुले, परमन पानी 35 प्रतिशत नींबू प्रकति का नियम संतुलन का नियम है। प्रकति पाया जा सकता है बस आपके पास संकल्प पानी, शहद पानी, नारियल पानी, नीरा शारारिक उसी के अनुरूप हमें सुडोल व स्वस्थ शरीर होना चाहिए कि मुझे सुडोल व स्वस्थ होना हैश्रम मोटापे को भगाने का दूसरा हथियार हैप्रदान करती है। जब हम अपनी आदतों द्वारा अधिकतर मोटापे से ग्रसित व्यक्ति तुरन्त पतला यदि आप नियमित रूप से शारारिक व्यायाम, शरीर से अधिक छेड़छाड़ करते हैं तो शरीर होने की आशा में समय बर्बाद करते रहते हैंआसन करते हैं तो मोटापा तो भागेगा साथ ही बेडोल व भद्दा हो जाता है जिसे मोटापा कहते जबकि सच्चाई यह है कि स्थाई रूप से मोटापे शरीर लचीला व सुन्दर होगा। आप नियमित रूप हो । माटापा के लिए निम्न कारक दोषी है। 1. की चिकित्सा आपकी जीवनशैली व खानपान से सूर्य नमस्कार, गहरी लम्बी श्वास वाले अत्यधिक खाना, बार-बार खाना, गलत खाना में परिवर्तन ही है। जब खन में पी.एच, स्तर प्राणायाम, चक्की संचालन, घूमना 4-5 33 प्रतिशत। 2. खाने में प्रोटीन व वसा की घटने लगता है तो मोटापा बढ़ने लगता है। शरीर किलोमीटर करते हैं तो शरीर धीरे-धीरे घटने अधिकता होना 10 प्रतिशत। 3. हार्मोनिक में भारी की पोशापे का मख्य कारण है। नक में क्षार की कमी मोटापे का मुख्य कारण है। लगता है। असंतुलन 2 प्रतिशत 4. तनाव व अत्यधिक दवाओं का सेवन 5 प्रतिशत 5. आरामदेह व आहार : यदि भोजन में से अम्ल तत्वों को कुछ प्राकतिक उपचार शरीर के विजातिय तत्वों आलस्य जीवनशैली 50 प्रतिशत।माह के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाए व को बाहर कर पेट व शरीर की कब्ज को दर क्षार पदार्थों की मात्रा बढ़ा दी जाए तो स्वतः करता है। जब शरीर की नस नाडियों की सफाई मोटे व्यक्ति की अकल भी मोटी हो जाती हा धीरे-धीरे मोटापा घटने लगेगा। भोजन को होने लगती है तो शरीर स्वतः ही संतलित व है। मोटापे का चाहे जो भी कारण है पर मोटापे इस प्रकार बनायें कि उसका प्रतिशत व्यवस्थित हो जाता है। पेट की मिटटी-पटटी. की शुरुआत पेट की कब्ज से होती है और निम्नानुसार रहें : मिट्टी स्नान व भाप स्नान शरीर की नसों की मोटापा सारे शरीर की कब्ज है। साधारण कब्ज सफाई कर उन्हें ताकतवर बनाता हैकटि स्नान में पेट खराब रहता है साफ नहीं होता उसी 1. सुबह का नाश्ता : रसदार फल 85 प्रतिशत उपापचय क्रिया को तीव्र कर पाचन संस्थान प्रकार सारे शरीर की कब्ज में नस-नस में मल अन्नानास, संतरा, मौसमी, नींबू, टमाटर, हल्का को मजबूत करता है और मोटापे को भगाता है। इकट्ठा हो जाता है। प्रोटीन 10 प्रतिशत, छाछ, राबडी, दलिया, क्रीम पानीमा टी शांत व मलाशय की सफाई कर निकला दूध खाली पेट पर कुछ नहीं 5 प्रतिशत, वहां पनपने वाले जीवाणुओं को बाहर क फलस्वरूप शरीर मोटा होपेट को खाली रखें। जाता है व नाना प्रकार के नहीं बनने देता हैरोग पनपने लगते हैं मोटापे 2. दोपहर का खाना : सलाद 20 प्रतिशत 2, दोपहर का खाना : सलाद 20 प्रतिशत मोटापा सत्य एवं भ्रान्तियां : आज पूरी दुनिया का सर्वप्रथम लक्षण टमाटर, खीरा, ककड़ी, पपीता, खरबूजा, प्याज में मोटापा रोग तेजी से बढ़ रहा है। भारत की 15 आलस्य, उन्माद व सब्जी छिलके वाली 10 प्रतिशत पालक, मेथी, प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। वैज्ञानिक आत्मविश्वास में बथुआ, फली, सेम, कोई भी रोटी चोकर युक्त आंकड़ों के अनुसार मोटापा कई बीमारियों का कमी लाता है। 20 प्रतिशत गेहूं, जौ, चना खाली पेट 20 कारण है जिनमें ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, बेडोल शरीर, आलस्य, अस्थमा आदि प्रतिशत जितनी मोटापा रोग से हैंहमारे मानस में मोटापे का सम्बन्ध सिर्फ उससे 20 प्रतिशत निजात भोजन से लगाया जाता है जबकि सच्चाई पर खाना बंद कर विपरीत है। मोटापे से जुड़े ऐसे कई मिथक हैं। जो हमें हमेशा भ्रम में रखते हैं कि मोटापा इन कारणों से हो सकता हैभ्रान्तियां : 1. 24 से अधिक बी.एम.आई होने पर मोटापा माना जाता है। जिस व्यक्ति की तोंद बाहर निकली हो मोटे की श्रेणी में आता है। 2. खाना खाने से व बार-बार खाने से मोटापा बनता है3. उपवास या व्रत रखने पर मोटापा कम होता है। 4. विरेचक दवाइयां या कोई भी औषधि लेने पर भूख है ! वजन घटाया जा सकता है। है। गलत खाने से मोटापा बनता है। वजन बढ़ जाता है5. मोटापा तेजी से बढ़ता है व बहुत धीरे-धीरे 4. उपवास रखने पर सिर्फ वजन कम होता है 8. एकदम व्यायाम छोड़ते ही वजन बढ़ने का जाता है और कभी-कभी तो सब कुछ करने पर छोड़ते ही वापिस कारण आहार का कम करना नहीं हैआहार कम नहीं होता है। वजन बढ़ेगा। हमारा उतना ही होता है जितना व्यायाम करते 6. हम महीनों से योग व्यायाम कर रहे हैं सिर्फ 5. दवाओं से समय था। खाना ही खाते हैं बाहर का कुछ भी नहीं खाते कुछ वजन कम 9. हां मोटापे का सम्बन्ध वंश परम्परा से है परन्तु तब भी वजन बढ़ रहा हैकि या जा यदि आप शुरू से ही इसके प्रति जागरूक हों तो 7. हम व्यायाम करते हैं एकदम छोडेंगे तो वजन मोटापे को अपने ऊपर हावी नहीं होने देंगे। बढ़ेगा। यह कारागार 10. हां यह ठीक है कि मेदा व देशी घी खाने से 8. मोटापे का सम्बन्ध वंश परम्परा से है। मोटापा बढ़ता है परन्तु हाइड्रोजेनेट युक्त भोजन 9. मेदा व देशी घी खाने से मोटापा बढ़ता है। 6. मोटापा धीरे मोटापा बनाता है जैसे शक्कर, रिफाइड, पॉलिश सत्य : 1. किसी-किसी व्यक्ति की हड्डियों से ही आता हैचावल, मैदा, डालडा आदि। का भार अधिक होने पर वजन अधिक हो सकता जब मोटापा आ मोटापे का सीधा सम्बन्ध आपकी जीवनशैली है। जरूरी नहीं है वह मोटापे की श्रेणी में आता चुका होता है तब से जुड़ा है। यदि आप अपनी दिनचर्या को इस हमारी नींद खुलती हैमोटापा घटाना आपकी प्रकार मैनेज करें कि इनकमिंग फूड सोर्सिंग 2. तोंद का बाहर निकलना मोटापा नहीं है। तोंद जीवनशैली से जुड़ा रहता है जिसमें भोजन, आउट फुड सोर्सिंग से कम हो। अपनी दिन भर का बाहर निकलना दिनभर की सिटिंग व व्यायाम की कमी की वजह से हो सकता है। व्यायाम आदि शामिल हैं। की शैली में व्यायाम, घूमना आदि शामिल करें  कई बार हार्मोनों के असुंतलन की वजह से तो निश्चित ही आप धीमे ही सही पर मोटापे पर 3. यदि आप सुपाच्य खाना बार-बार छोटे-छोटे ! टुकड़ों में ले रहे हों तो स्वास्थ्य के लिए बेहतर भी उपापचय दर धीमी हो जाती है फलस्वरूप काबू पा सकते हैं।