थायरॉइड से ज्यादा खतरा

 थायरॉइड से ज्यादा खतरा फर्नीचर के गद्देदार हथ्थों, कंप्यूटर स्क्रीन और  टीवी स्क्रीन पर पाए जाते हैं। । प्लास्टिक :- प्लास्टिक हमारे शरीर के लिए बहुत नुकसानदेह है। प्लास्टिक की बोतल से किसी भी प्रकार का पेय पीने से हमारे शरीर में जहरीले रसायन का प्रवेश हो जाता है। नल के पानी को सुरक्षित बनाने के लिए एक ऐन्टमोनी - लेवल सेट किया जाता है जिसके बाद ही पानी को पीने योग्य माना जाता है। शोध के मुताबिक प्लास्टिक की बोतल में जूस या फ्रंट ड्रिंक का ऐन्टमोनी लेवल नल के पानी के मुकाबले 2.5 गुना ज्यादा था जो कि थायरॉइड ग्रंथि के रोगों को बढ़ा सकता है। पीएफओए :- पीएफओए एक प्रकार का थायरॉइड की समस्या इस समय बहुत तेजी से के कारण हमारे लिवर के एंजाइम भी प्रभावित रस रसायन है जो कि खाना पकाने वाले बर्तनों पर बढ़ रही है। पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इस रोग होते हैं। लगाया जाता है। यह खाना पैक करने वाले का शिकार हो सकती हैं। वैसे तो थायरॉइड डॉयक्सिन :- पीसीबीएस और डॉयक्सिन को कागजों और अन्य चीजों में पाया जाता है। यह रोग अनवांशिक होता है और माता-पिता द्वारा हार्मोन ग्रंथि के लिए रूकावट पैदा करने वाला करता है जिसकी वजह से थायरॉइड के लक्षण थायरॉइड ग्रंथि की क्रियाओं को प्रभावित बिच्चों में आता है या शरीर में आयोडिन की माना जाता है। इसके अलावा डॉयक्सिन एजेंट कमी से भी ऐसा हो जाता है। मगर कई बार ऑरेंज का प्राइमरी टॉक्सिन घटक है। एजेंट १ दिखाई देते हैं। आपके आस-पास मौजूद चाज थायराइड क ज की के कागा धायॉटर संबंधी 'हलाजन :- फ्लूयाराइड आर क्लाराइड का रोग को बढ़ाने में मदद करती हैं। जी हां! समस्याएं पैदा होती हैं। कारण शरीर में आयोडीन की मात्रा नहीं पहुंच आपके आस-पास मौजूद बहुत-सी चीजों में सोया :- सोया के सेवन से थायरॉइड ग्रंथि की पाती है और थायरॉइड हार्मोन को सक्रिय रखने कुछ ऐसे हानिकारक टॉक्सिन्स होते हैं जो वाले टी4 और टी3 से से संपर्क खत्म हो जाता थायरॉइड की समस्या को बढ़ाते हैं। आइये सामान्य क्रियाओं पर खास असर पड़ता है। ' है। ये हैलोजेन आपके खाने, पानी, दवाओं या आपको बताते हैं उन टॉक्सिन्स के बारे में और सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी मा वातावरण में मौजूद होते हैं क्योंकि यह दिखने वे जहां मौजद होते हैं उस जगह के बारे में । थायराइड का कारण हो सकता है। यह उस - उस में आयोडीन की तरह होते हैं तो यह आयोडीन -1 प्रक्रिया को रोक देता है जिससे आयोडीन के घटकों की जगह लेकर शरीर में प्रवेश करा परकोलोरेटस :- सीडीसी के अनुसार हम में 'थायरॉइड हार्मोन में बदलता है। शोधों में भी जाते हैं। से लगभग सभी लोगों के शरीर में म 'पाया गया है कि जिन नवजात शिशुओं को 'परकोलोरेट्स पाया जाता है। परकलोरेट्स वह सोया से बना दुध दिया जाता है उनमें आगे भारी धातु :- मरकरी, लेड और एल्मुनियम है जो रॉकेट, जेट फ्यूल और कार एयर बैग्स शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए खतरनाक चलकर थायरॉइड की समस्या हो सकती है। । को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह हो सकते हैं साथ ही यह थायराइड के स्थिति टॉक्सिन हमारे पीने के पानी और खाने में भी पिस्टीसाइड्स :- पेस्टीसाइड्स के कारणों को पैदा करता हैगट परी - रणा को पैदा करता है। यह पूरी तरह से जहरीला पाया जाता है। सीडीसी के अध्ययन के थायरॉइड की समस्या होने का खतरा बना सी के अध्ययन के थायराइड की समस्या होने का खतरा बना नहीं होता है लेकिन शरीर में इसकी मात्रा का मुताबिक यह टॉक्सिन थायरॉइड ग्रंथि को Tण को रहता है। जो लोग अपने रोजमर्रा के कामों में पता ब्लड टेस्ट या यरीन टेस्ट के जरिए लगाया 'प्रभावित कर लो थायरॉइड के लक्षणों को पैदा पेस्टीसाइड्स का प्रयोग करते हैं वे अन्य लोगों करता है। के मुकाबले थायराइड की समस्या से जल्दी एंटीबैक्टेरियल उत्पाद :- ट्राइक्लोजन एक - ग्रस्त होते हैं क्योंकि यह थायराइड ग्रंथियों से एंटीबैक्टेरियल तत्व है जो साबन, लोशन और पीसीबी एस :- पोलीक्लोरीनेटेडबाइफिनायल एक औद्योगिक रसायन है जो कि 'निकलने वाले हार्मोन के निर्माण पर असर टूथपेस्ट में पाया जाता है। शोधों के मुताबिक 1970 से बैन है लेकिन फिर भी आज उसके डालता है। इनकी थोड़ी मात्रा शरीर के लिए सुरक्षित हैनमने हमारे वातावरण मिलते हैं। ऐसा देखा फ्लेिम रीटारडैटस :+ फ्लेम रिटारडैटस व लेकिन ज्यादा मात्रा थायरॉइड ग्रंथि की गया है कि पीसीबी थायरॉइड उत्तेजक हार्मोन (पॉलीब्रोमानिटेड डाइफिनायल ईथर (पीबीडीई क्रियाओं को नुकसान पहुंचाती हैयह हार्मोन के स्तर को बढाता है जिससे थायरॉइड ग्रंथि एस) यह टॉक्सिन थायरॉइड ग्रंथि की क्रियाओं को बाधित करने का काम करते हैं जो शरीर के की क्रियाशीलता कम हो जाती है। इस टॉक्सिन में बाधा पहुंचाता हैयह रसायन आपके लिए नुकसानदेह होता है। । = - =- =