तनाव का कारगर इलाज योग

जीवनशैली की बात महिलाओं में भारी अनियमित रक्तस्राव, मासिक करें तो आज भी गर्भधारण धर्म के दौरान थकान, पेट में मरोड, पेडू में दर्द को लेकर कई तरह की गलत या कब्ज की शिकायत हो जाती है। हारर्मोन्स का धारणाएं हैं। क्या आप जानते हैं कि काम के असर आपके दिमाग से होता है। जब आप मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की मेडिकल बढ़ते प्रेशर के कारण युवा जोड़ों कई खतरनाक लगातार किसी दबाव में रहते हैं तो हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। डायरेक्टर व आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर शोभा बीमारियों के साथ-साथ इन्फर्टिलिटी बढी है। गुप्ता से बातचीत पर आधारित : इन्फर्टिलिटी और तनाव : महानगरों में इस मेट्रो शहरों में अधिकतर तनाव के कारण : र प्रकार के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं 1. आर्थिक रूप से परेशान लोग भी जल्दी तनाव 40 प्रतिशत महिलाओं में बांझपन की शिकायत क्योंकि यहां आपाधापी रहती है। इसके अलावा में आते हैं। पारिवारिक एकाकीपन भी अक्सर जोड़ों में 2 वर्क लोड होने पर भी हम पर तनाव हावी होती है। अवसाद व बेचैनी पैदा करता है। डॉक्टर शोभा होने लगता है। • शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित योग , गुप्ता ने बताया कि आजकल लड़के-लड़कियां करने से तनाव कम होने के साथ हा फाकस देर से शादी करते हैं। शादी करने के तुरंत बाद " 3. ज्यादातर मामलों में आर्थिक स्थिति से ज्यादा बढ़ता है, जागरूकता आती है। वह बच्च नहीं चाहते। इस वजह से शुरुआत में' रिलेशनशिप इश्यूज के मामले तनाव बढ़ाते हैं। • शीतली प्राणायान तनाव कम करने में बेहद वह कई तरह की सावधानियां बरतते हैं और फिर 4. टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल लोगों में कारगर। जब महिला जल्दी गर्भधारण नहीं कर पातीं तो तनाव बढ़ाता है। मानसिपी चिंताग्रस्त हो जाती हैं। निरंतर दबाव में रहने के 5. हेल्थ प्रॉब्लम का भी तनाव पैदा होने का करता है। फिजिकल, मेंटल या इमोशनल सभी कारण वह दिन-रात बेचैन रहती हैं। बड़ा कारण है। तरह के स्ट्रेस से दूर करता है। हर दिन योग करने उन्हें खुद नहीं समझ आता कि पति-पत्नी डॉक्टर शोभा गप्ता ने बताया कि योग करने से हम ऊर्जावान बने रहते हैं। आधुनिक दोनों स्वस्थ हैं फिर भी गर्भधारण क्यों नहीं कर से सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को राहत मिलती जीवनशैली में आगे बढ़ने और सफल होने के पा रहीं। उन्हें तमाम तरह के तनाव हो जाते हैं। वे है, जो बेचैनी को कम करती है। शोधकर्ताओं का दबाव को हर व्यक्ति महसूस कर रहा है और निरंतर चिंता, डिप्रेशन फ्रस्ट्रेशन में घुलने लगती कहना है कि नियमित योग करने से तनाव कम इसके कारण लोगों को तमाम तरह की शारीरिक हैं जिसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है। हाल होने के साथ ही फोकस बढ़ता है, जागरूकता और मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ में हए एक सर्वे के अनुसार जो महिलाएं ज्यादा आती है। रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इनसे मुक्ति पाने के तनाव में रहती हैं उनमें से 40 प्रतिशत महिलाओं . लिये योग और ध्यान जैसी पारंपरिक विधियां में बांटा शीतली प्राणायाम तनाव को भगाएगा दूर : धिया में बांझपन की शिकायत होती है। हालांकि अभी काफी कारगर साबित हो सकती हैं। आज की शीतली प्राणायाम जैसा कि इसके नाम से ही पता तक इस बात का ठोस प्रमाण नहीं है कि तनाव भागदौड़ भरी जीवनशैली में लगभग प्रत्येक - नाव चलता है इस प्राणायाम का संबंध शीतलता से - व्यक्ति भारी तनाव, असुरक्षा और चिंता के बीच - के कारण हा बाझपन है। फिर भा मुद्द का लकर है. यह हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करता है। * कई मनोचिकित्सक व मनोवैज्ञानिकों ने इस प्राणायाम को सभी योगासनों के बाद करना से गुजर रहा है। इससे उसे उच्च और निम्न अपने-अपने तर्क दिए हैं कि जो महिलाएं तनाव चाहिए। ऐसा करने से शरीर की थकान दूर हो रक्तचाप, दिल की बीमारियां, मधुमेह, मानसिक और डिप्रेशन में रहती हैं उनमें यह समस्या जाती है साथ ही साथ मानसिक तनाव दूर हो असंतुलन जैसी बीमारियां हो रही हैं। योग करने . से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता १ दोगुनी हो जाती है। जाते हैं। इसके अलावा यह मन की शांति भी है। खुले वातावरण और सती ढीले कपडे तनाव का शरीर पर प्रभाव : निरंतर चिंता में प्रदान करता है। यह प्राणायाम एक छायादार वल पहनकर योगासन करना चाहिए। रोज सुबह रहने के कारण महिला व पुरुष दोनों के हारर्मोन्स की तरह है जो भरपूर ऑक्सीजन का निर्माण खाली पेट योगासन करना सेहत के लिए लाभप्रद असंतुलित होने लगते हैं। हमारे शरीर में करता ह। होता है। योग करने से न सिर्फ आपको तनाव से केमिकल ट्रांसमीटर होता है, सेरोटोनियर और शीतली प्राणायाम की विधि : अगर आप राहत मिलता है, बल्कि आपके याद रखने की डोपामीन नामक के हार्मोन मिलकर आपके तनाव जल्दी ले लेते हैं या सिर दर्द की समस्या शक्ति भी बढ़ती है। दिमाग को संतुलित रखते हैं। शारीरिक स्तर पर से परेशान हैं तो यह आसान आपके लिए बहुत  के लिए सबसे पहले समतल और साफ फायदेमंद है। यह सिर दर्द को दूर भगा देता है और दिमाग को शांत रखता है। यह प्राणायाम बहुत ही सरल और आसान है। आइये जानते हैं इसे करने की विधि इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले समतल और साफ जमीन पर कपड़ा या चटाई बिछाकर बैठ जाएं इसे आप किसी भी पद्मासन, सुखासन या अन्य किसी आसन में बैठकर भी कर सकते है। बहुत - इसके बाद अपनी जीभ को बाहर की तरफ निकालकर एक नली (पाइप) के बड़े सामान बना लें। अब जीभ द्वारा बनाई गई नली हैके माध्यम से सांस लें और वायु से पेट को पूरा भर लें। अब पुनः जीभ को अंदर की तरह इसके कर लें और मुंह को बंद कर लें। इसके बाद अपनी गर्दन को आगे की तरफ झुकाकर अपने जबड़े के अगले भाग को छाती काफी से लगाएं और थोड़ी देर के लिए सांस 2रोककर रखें। अब वापस से गर्दन को सीधा कर लें और , 3नाक से वायु को बाहर निकाल दें। कोशिश गिलास करें सांस बाहर निकालने का समय सांस अंदर खीचने के समय से अधिक हो। इस इस प्रक्रिया को आप अपनी क्षमतानुसार 40 बार तक कर सकते हैं। शीतली प्राणायाम के लाभ : शरीर की आंतरिक गर्मी को कम करने का यह सबसे अच्छा तरीका है। 6• मस्तिष्क और भावनात्मक उत्तेजना तथा मन की चंचलता को कम करने में सहायक है। 8• यदि इसे सोने से पर्व किया जाये तो गहरी और अच्छी नींद आती है तथा दिमाग भी शांत 9रहता है। लिए • गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडक पहुंचने में 10सहायक है। बचाता • एसिडिटी और रक्तचाप को कम करता है। 11• पाचन तंत्र को मजबूत बनाये तथा हृदय रोगों में लाभकारी है। सावधानियां : अगर वातावरण में ठंडक या नमी हो तो यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए। में • दमा और सर्दी-जुखाम से पीड़ित व्यक्तियों हमारी को नहीं करना चाहिए। • अगर आप का रक्तचाप कम रहता है तब इम्यूनिटी भी यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।