ऑपरेशन के बाद मरीज

रोगी लंबी आयु तक जीवन जीता है। जैसे गले में स्वरयंत्र के कैंसर के शीघ्र निदान के बाद शल्य क्रिया कर दी जाए तो रोगी सामान्य आयु तक जिंदा रहता है। अब कैंसर के 80 से लेकर 90 प्रतिशत रोगियों का इलाज सफलतापूर्वक कैंसर के रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढती रहने से कई समस्याएं हल हो सकती हैं। धम्रपान । हो जाता है। शल्य क्रिया के अलावा विकिरण जा रही है। अगर गले के कैंसर की बात करें, तो या तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों को थ्रोट (रेडिएशन) द्वारा भी इलाज करते हैं जिससे रोगी इसमें भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज की कैंसर ज्यादा होता है। इसमें वे लोग भी आते हैं को काफी फायदा होता है। कुछ खास स्थितियों जीवन-शैली ऐसी हो गई है कि लोग आसानी से जो अप्रत्यक्ष रूप से धम्रपान करने वालों के म कसर जो अपत्यक्ष रूप से सपान करने वालों के में कैंसर रोधी दवाइयां भी रोगी को दी जाती हैं। 'कैंसर के शिकार हो रहे हैं। हालांकि गले के संपर्क में आते हैं। स्त्रियों में भी इसके लक्षण आपको बताता चलूं कि बंगलोर के प्रख्यात कसर से जूझ रहे मरीजों के लिए एक खुशखबरी दिखाई देते हैं। तम्बाक के सेवन से श्वास नली अंकोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल राव ने एक ऐसा ये है कि अब आपरेशन के बाद भी वह बोल की कार्य पणाली पर विपरीत पभाव पड़ता है। यन्त्र बनाया है जिससे गले के कैंसर के मरीज पाएंगे। यह संभव हो पाएगा एक विशेष यन्त्र के ना क इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि कोई ऑपरेशन के बाद भी बोल पाएंगे। यह यन्त्र द्वारा। इस यन्त्र के इजादकर्ता हैं डॉक्टर विशाल 1 व्यक्ति एल्कोहॉल के साथ धम्रपान भी करता है बाजार में उपलब्ध दूसरे यंत्रों की तुलना में अलग राव। इन्हीं तमाम पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे । रख तो उसे मंह का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता इसलिए है कि इसकी कीमत बहुत कम है। हैं- संजय सिन्हा है। एल्कोहॉल और निकोटिन का एक साथ सेवन इसकी कीमत महज पचास रुपए है। डॉक्टर राव । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष नकसानदेह है। इसके अलावा सडक पर रहने के मुताबिक, गले के कैंसर से पीड़ित कोलकाता कैंसर के 1.4 करोड़ नए मामले सामने आ रहे हैं। वाली धल. वड डस्ट या केमिकल डस्ट के के रहने वाले एक व्यक्ति की हालत बहुत खराब 'भारत में लगभग 7 लाख मौतें कैंसर से हो रही कारण भी थोट कैंसर हो सकता है। सल्फर थी। वह न ही ठीक से खा पाते थे, न ही बोल हैं। 50 प्रतिशत मामलों में खराब जीवनशैली, डाइऑक्साइड कोमियम और आर्सेनिक भी पाते थे। उनकी माली हालत भी ऐसी नहीं थी कि रहा कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। पिछले कछ वर्षों से वह महंगे उपचार का लाभ उठा सकें। इसी बीच है। पिछले कुछ वर्षों से थ्रोट या माउथ कैंसर के धम्रपान न करने वाले लोगों में भी मंह या गले को वह बंगलोर गए और सिर्फ पांच मिनट के मामल भी बहुत बढ़ गए हैं। बगलोर के प्रख्यात कैंसर के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। तंबाक के उपचार के बाद हा इस यन्त्र का मदद स वह कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विशाल राव के अलावा थ्रोट कैंसर के कछ और भी कारण हैं। खान अ अनसार मिजोरम में कैंसर पीड़ित लोगों की दांतों की उचित देखभाल न करने या दांतों में होने का याद करत हुए कहा । संख्या सर्वाधिक है। वहां प्रति लाख व्यक्तियों में वाली समस्या को टालने से भी भविष्य में यह रात लाख व्याक्तया मवाली समस्या को टाली से भी भविष्य में यह उस मरीज ने मुझे गले लगा लिया। उसे यकीन 273 लोग कैंसर से ग्रस्त हैं। भारत में ब्रेस्ट या समस्या हो सकती है। विटामिन 'ए' की कमी भी समस्या हो सकती है। विटामिन 'ए' की कमी भी ही नहीं हो रहा था कि इतनी आसानी से उसे सर्वाइकल कैंसर से भी ज्यादा मौतें मुंह या गलै इसका एक कारण है। इसके अलावा कैंसर उसकी आवाज वापस मिल जाएगी। डॉक्टर राव के कैंसर के कारण होती हैं। महानगरों, छोट आनशिक भी हो सकता है। आजकल एकदम बंगलोर के हेल्थकेयर ग्लोबल कसर सेंटर में सर शहरों, गांवों तक थ्रोट या माउथ कैंसर के मामले शरुआती अवस्था में रोग की पहचान होना संभव और गर्दन के शल्य चिकित्सक हैं। इन्होंने एयूएम तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल के वर्षों में 20-25 वर्ष है। ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण वॉइस प्रोस्थेसिस नामक यन्त्र बनाया है। इस यन्त्र की आयु वालों को भी यह बीमारी अपनी चपेट मिलने पर शीघ्र योग्य चिकित्सक से संपर्क करें। से उन मराजा का मदद ाम इसका सबसे बड़ा कारण है तंबाक व लेगिोम्कोपी बायोपी आदि करके दम रोग ऑपरेशन के जरिये निकाल दी जाती है, लिहाजा सेवन और धूम्रपान की लत कैंसर में असामान्य की सही पहचान करेगा। आपको यह ध्यान उन्हें खाने और बोलने में परेशानी होती है, कोशिकाएं शरीर में दुगनी गति से फैलने लगती रखना होगा कि कैंसर की पहचान जितनी जल्दी लेकिन इस यन्त्र की सहायता से वह फिर से हैं और इन पर नियंत्रण मुश्किल हो जाता है। थ्रोद होगी. इलाज से फायदा भी उतना ही अधिक खाने और बोलने लगता है। दूसरे यंत्रों की कीमत कैंसर वॉयस बॉक्स, वोकल कार्ड और मुंह के होगा। अतः जरा सी भी शंका होने पर जहा 15 स 3 होगा। अतः जरा सी भी शंका होने पर जहां 15 से 30 हजार है और इसे हर 6 महीने पर अन्य हिस्सों जैसे टॉन्सिल्स में भी हो सकता है। चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। आजकल बहुत बदलना जानकारी और जागरूकता किसी समस्या से से कैंसर शीघ्र इलाज से ठीक हो जाते हैं और । - बच्चन को जरूर शत है। शरीर के प्रति सजग - - - - - - - -