भरपूर विटामिन का स्त्रोत हैं सब्जियां

भरपूर विटामिन का स्त्रोत हैं उसका मन ना माता का दिन सब्जियां करना चाहतारमा लगाएं, जहां पर दर्द हो जिस दांत में दर्द हो उस पर बबूल के गोंद को लगाएं। काली मिर्च के काढ़े से कुल्ला करने पर दांत दर्द पर तुरंत आराम आता है। कुलफा के स्वरस में भीगी रूई को दर्द वाले दांत पर दर्द निवारण होता है। नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारे करें व नीम पट्टी स्वरस को रूई में भिगोकर दांत पर रखेंसावधानियां : कच्चे फल, सब्जी, सलाद खाने के पश्चात् कुल्ला अवश्य करें। 2. ब्रुश को स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों प्राकृतिक देन है, इन्हें से बच सकते हैं। समय-समय पर बदलते रहें। 3. सही ब्रुश का बनाए रखना मनुष्य के आचरण, नियमित दिनचर्या मसूड़ों में सूजन आने पर :- 1. कत्थे के टुकड़ों चुनाव करें, जिससे भली प्रकार से दांत साफ हो उत्तम जीवन शैली, संतलित आहार व अपनी को मुख में रखकर धीरे-धीरे घुलने दें और इसको जाएं व मसडों की मालिश भी हो जाए। 4. ब्रश साफ-सफाई पर निर्भर करता है। व्यक्ति दिनचर्या, अंदर न निगले मुख में जितनी देर तक रख सकते करने के पश्चात अपने टथब्रश को नमक पानी में ऋतचर्या, आहार-विहार को नियंत्रित करके हैं, उसको मुख में रखें। यह मसूड़ों के अल्सर व भिगो कर रखें। 5. अधिक ठंडी व गरम चीजें न स्वास्थ्य निर्माण कर सकता है। इससे शरीर तो स्पोज्जी गम्स के लिए अति लाभदायक है। ही खाएं न ही पिएं। 6. अधिक गरम खाना स्वस्थ रहता ही है और चेहरे पर भी गजब की 2. कत्थे को पानी में घोलकर, कत्थे पानी से खाने के पश्चात अधिक ठंडी वस्त का सेवन आभा झलकती है. परंत आधनिक जीवन शैली में कुल्ला या गरारे करें। 3. गूलर की छाल का बिल्कुल न करें। 7. ट्थब्रश करने के पश्चात व्यक्ति अपने खान-पान और स्वास्थ्य रक्षक काढ़ा बना कर उससे कुल्ला करने से मुखगत रोग, अंगली से मसडों की मालिश अवश्य करें। प्रक्रियाओं की अवहेलना करता है। समय का जस स्पाजा गम्स (मसूड़ा का सूजन) ठाक जैसे स्पोंजी गम्स (मसूड़ों की सूजन) ठीक होती टॉन्सिल्स में दर्द :- 1. चाय पत्ती व नमक को अभाव होने के कारण सभी कार्य जल्दी जल्दी है। 4. बबूल की पत्तियों के काढ़े से गरारे करने पानी में उबाल का सम्पन्न करने की कोशिश में अपने स्वास्थ्य से स मुखगत राग, जस से मुखगत रोग, जैसे स्पोंजी गम्स, गले में सूजन करें। 2. वनपशे को उबाल कर काढ़ा बनाकर । जैसे रोग शांत हो जाते हैं। खिलवाड़ कर रहा है जिसके कारण हमारे शरीर में । 5. जामुन व लोध्र उसका गरारे करें तथा वनफ्शे को गरम-गरम गले . छाल के काढ़े से कुल्ला करें या इनकी दातुन करने पर बांधे। 3. हल्दी, अजवाइन, आटे की चोकर, विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। ' से ब्लीडिंग गम्स और स्पोंजी गम्स में तुरंत आराम नमक को पानी में उबालकर उससे दिन में खाना खाने के पश्चात् ठीक प्रकार से कुल्ला न आता है। 6. पानी में फिटकरी मिलाकर कुल्ला चार-पांच बार गरारे करें। 4. अरण्डी के पत्तों करने से मुखगत रोग उत्पन्न हो जाते हैं। जैसे करें और तुरंत दर्द व स्पोंजी गम्स से आराम पाएं। पर सरसों का तेल या अरण्डी का तेल लगाकर मसूड़ों में सूजन, दांतों में कीड़ा लगना, मसूड़ों से 7. स्फटिका भस्म व गैरिक भस्म 250 ग्राम गरम-गरम टॉन्सिलस पर बांधे। 5. आम्ल चूर्ण व खून आना, ग्रंथियों में सूजन इत्यादि रोग उत्पन्न हो बराबर मात्रा में ले और सुबह-शाम पानी से भोजन हल्दी को पानी में उबालकर उसमें चुटकी भर सकते हैं। खाना खाने के पश्चात् ठीक प्रकार से पश्चात् ग्रहण करें। 8. आमलकी चूर्ण 2 ग्राम नमक मिलकर गरारे करें। 6. तुलसी पत्र कुल्ला अवश्य करना चाहिए और रात को सोने से सुबह-शाम पानी के साथ लें। 9. फिटकरी (4-5), काली मिर्च, दालचीनी, सौंफ की चाय पहले दांतों को ठीक प्रकार से साफ करक साना फला व गैरिक भस्म मिलाकर अंगुली से मंजन बनाकर धीरे-धीरे व गरम-गरम पिएं। चाहिए अन्यथा दाता पर पपड़ा जमना, मसूड़ा स करें तत्पश्चात नमक के गनगने पानी से कल्ला सावधानियां .- 1 तरल भोजन का सेवन करें खन आना व दांत में कीड़े लग सकता हैं। करें। 10. अजवाइन, सूखा पुदीना, फिटकरी को तथा भोजन के पश्चात् गरम पानी के गरारे अवश्य आधुनिक युग में दातुन के स्थान पर टूथब्रश और मिलकर मसूड़ों पर मालिश करें तत्पश्चात् करें। 2. अत्यंत ठंडे खाद्य पदार्थों जैसे, पेस्ट ने स्थान बना लिया है, जो हम फास्ट फूड अजवाइन के पानी से कुल्ला करें। 11. हल्दी आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक का सेवन न करें। रिफाइंड भोजन में खाते हैं वो दांतों व मसूड़ों पर पाउडर, फिटकरी को सरसों के तेल में पेस्ट 3. खटी चीजें व अचार, सॉस. हरी चटनी का आसानी से चिपक जाते हैं। जिसके कारण मुख में बनाकर मसूड़ों पर मालिश करें, मसूड़ों की सूजन, सेवन न करें। बैक्टीरिया पनप कर दांतों और मसूड़ों को नुकसान खून आना तुरंत बंद होता है और दर्द में भी आराम गले में भा आराम गले में दर्द :- 1. तुलसी पत्र, सौंफ, लौंग, पहुंच सकता है और पायरिया जैसी बीमारी आता है। दालचीनी को उबलाकर उसमें नींबू और शहद उत्पन्न हो जाती है। जब भी सोते समय दुध या दांतो के ऊपर पपड़ी जमने पर :- 1. खान मिलाकर गरम गरम पिएं। 2 हल्दी अजवाइन मिठाई का सेवन करें तो टूथब्रश करना अति वाले सोडे को पानी में मिलाकर दिन में दो-तीन को उबालकर उसमें नमक डाल कर दिन में आवश्यक है। दध रात भर मसूड़ों पर जमकर बार गरारे करें। 2. खाने वाला सोडा + फिटकरी चार-पांच बार गरारे करें। 3. मुलेठी को मुख में बैक्टीरिया उत्पन्न होने के कारण मुखगत ग्रंथियों फूला + नमक को मिलाकर मंजन करें व दांतों पर रखकर धीरे-धीरे चूसें। 4. गले पर सरसों का तेल में एकत्र होकर सड़न पैदा करते हैं जिससे पायरिया ठीक प्रकार से सुबह-शाम दो बार रगड़ें। लगाकर कपड़े से धीरे-धीरे सेक करें। जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं। अगर हम दांत में दर्द व छेद होने पर :- 1. लौंग को सावधानी :- 1. अधिक जोर लगाकर न बोलेंसुबह-शाम नित्य टूथब्रश का इस्तेमाल नियमित गरम करके उसके अगले भाग को पीस कर सुराख 2. कटु, खट्टे रस का सेवन न करें। 3. आराम न रूप से ठीक ढंग से करें तो बीमारियों से बचा जा में भर कर रूई लगाएं। 2. हींग को सुराख में भर होने पर उचित चिकित्सक से संपर्क करें।। सकता है। हम घरेलू नुस्खे इस्तेमाल कर बीमारियों सकते हैं।