एल्फा लेवल में ही संभव है सही लक्ष्य निर्धारण ध्यान योग'

यदि हम पूरी तरह से एकाग्र होकर अपनी अवस्था अर्थात् बीटा लेवल से भी ऊपर की शुरू कर दिए। बोलो शेरों वाली माता की जय। सारी ऊर्जा किसी कार्य में लगा दें तो अवस्था में यह कैसे संभव है? उन्होंने इस वहाँ तैनात पुलिस कर्मियों ने फौरन श्रद्धालुओं सफलता अवश्य मिलेगी। कठिन से कठिन प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थता प्रकट की को नारे लगाने से रोक दिया। मैंने अनुभव काम आसानी से कर सकेंगे। यह ठीक है और मझसे ही इस प्रश्न का उत्तर देने को कहा किया कि नारा लगाते ही भीड में एक उत्तेजना कि जिस बिदु पर पूरा ध्यान केंद्रित करेंगे लेकिन उस दिन मये स्वयं इसका उत्तर जात आ गई थी। सभी को अपना लक्ष्य दिखलाई। वहीं हमारी सारी ऊर्जा भी एकाग्र होकर नहीं था। इसके कुछ समय बाद वही सज्जन ने लगा और वह था मुख्य स्थल पर पहुँच काम करने लगेगी। बिल्कल वैसे ही जैसे ५७ - कुछ स्कूली बच्चों को लेकर लक्ष्य निर्धारण। र यस कासना मच जाती है और कमजोर लोग, महिलाएँ व पानी उसमें आकर इकट्ठा हो जाता है। और उनकी प्राप्ति के लिए फायर वॉक करवा निर्दोष बच्चे मारे जाते हैं। एक कार्यक्रम में एक सज्जन लक्ष्य निर्धारण रहे थे। फायर वॉक करवाने के भी एक उद्देश्य होता है। अंगारों पर चलना एक मुहावरा भी आजकल विभिन्न तीर्थस्थलों अथवा और उनकी प्राप्ति के लिए कुछ क्रियाएँ करवा है। अंगारों पर चलना सरल नहीं होता। यदि विशाल आयोजनों में ऐसी स्थिति देखने में रहे थे। लोग एक-एक करके आते और गले कोई व्यक्ति अंगारों पर चल सकता है तो वह आती है, जिससे भयंकर दुर्घटनाएं होती रहती से हू हा जैसी जोर की आवाज निकालते हुए . हैं। कहीं पर भी भीड़ जब विरोधस्वरूप नारे कठिन से कठिन कार्य बड़ी सरलता से कर वहाँ रखी हुए ईंटों और टाइलों पर जोर से लगाते हुए गुजरती है तो वह विध्वंसक हो सकता है। फायर वॉक के बाद किसी बच्चेप्रहार करते। इस प्रक्रिया में सभी अपनी जाती है। उत्तेजना, क्रोध अथवा गुस्से की अथवा बड़े व्यक्ति में आत्म विश्वास बढ़ताकत एक साथ लगा रहे थे और ईंटे और । बढ़ अवस्था में सही निर्णय करना अथवा संकल्प जाना स्वाभाविक है लेकिन इसमें पैर बिल्कुल टाइलें तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। कुछ लोग कुल लेना संभव ही नहीं। इसी प्रकार से शांत नहीं जलने चाहिएँ। ये कार्य आसानी से कर पा रहे थे तो कुछअवस्था में गलत निर्णय करना अथवा संकल्प असफल भी हो रहे थे। जो लोग पूरी एकाग्रता । यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि हम केवल लेना संभव ही नहीं। उत्तेजना, उतावली, क्रोध, के साथ एक बार में ही अपनी पूरी शक्ति 3 कुछ सैकेंड के लिए ही आग अथवा बहुत प्रतिशोध की भावना, चीख-चिल्लाहट, गरम वस्तु के संपर्क में रह सकते हैं अथवा नारेबाजी आदि मन की अशांत अवस्थाओं में लगाकर ईंटे और टाइलें तोड़ने का प्रयास कर उसे छू सकते हैं। यदि ज्यादा देर आग अथवा हम अपने विवेक का इस्तेमाल करने की रहे थे केवल वे लोग ही सफलता प्राप्त कर पा बहुत गरम वस्तु के संपर्क में आएंगे तो जलना योग्यता व क्षमता ही गँवा बैठते हैं। अत: सही रहे थे। कार्यक्रम का सदेश यही था कि यदि अथवा झलसना निश्चित है। फायर वॉक संकल्प ले ही नहीं सकते। मन की शांत-स्थिर हम पूरी तरह से एकाग्र होकर अपना सारा करवाने का उद्देश्य भी यही है कि जिस प्रकार अवस्था में हमारा अवचेतन मन इस योग्य हो कर्जा किसी कार्य में लगा देते हैं तो सफलता से हम एक निश्चित समय में सावधानीपूर्वक जाता है कि वह सही संकल्पों का चुनाव अवश्य मिलेगीमुश्किल से मुश्किल काम व शीघ्रता से आग जैसी चीज को पार कर करके उन्हें पूर्णता की ओर अग्रसर कर सकें। हम आसानी से कर सकेंगे। यह ठीक है कि सकते हैं उसी प्रकार से जीवन के अन्य क्षेत्रों ध्यान की अवस्था में लिए गए संकल्प न हम जिस बिंदु पर पूरा ध्यान केंद्रित करेंगे वहीं में भी यदि हम समय का ध्यान रखें व केवल सही होते हैं अपित उनकी पर्णता में भी हमारी सारी ऊर्जा भी एकाग्र होकर काम करने सावधानीपूर्वक तथा शीघ्रता से कार्य करें तो तिलंन नहीं तोतालगेगी। बिल्कल वैसे ही जैसे कोई गडढा सफलता निश्चित है। उपरोक्त फायर वॉक मेंखोदने पर आसपास का सारा पानी उसमें कुछ बच्चों के पैरों के तलवे जल गए और इसआकर इकट्ठा हो जाता है। घटना पर काफी हो-हल्ला भी मचा और शांत हो गया पर मेरे मन में द्वंद्व बढ़ गया। मैं इसका मैंने प्रश्न किया कि जहाँ तक मेरी जानकारी कारण जानने के लिए बेचैन हो उठा। इस और अनुभव है लक्ष्य निर्धारण और उनकी निनानि प्राप्ति के लिए मन की गहरी अवस्था अपेक्षित मंदिर में जाना हआ। वहाँ बहुत भीड़ थी।है, और वह भी एल्फा अवस्था में और टेन लाइन आगे सरकने का नाम ही नहीं ले रही। साइकिल्स प्रति सैकेंड पर। फिर इतने शोर की थी।