वर्षा ऋतु में डेंगू

डेंगू पर पीछे या पैरों। और बड़ी तेजी होता है। कपोह डेंगू अब धीरे-धीरे पैर पड़ोसी राज्यों में तो पसार उसे अंडे तैयार करने के लिए खून की जरूरत बुखार के साथ तेज सिर दर्द, आँखों के आसपास रहा ही है अब आपको घर में भी दस्तक देने में देरी होती है। एडस, ईजिप्टाई मादा मच्छर चालाक दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर नहीं। आइए हम सावधान हो जाए और समझे। डेंगू होती है। वह न तो घुनघुन करके अपने शिकार को चकत्ते बनना आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। एक विषाणु जनित रोग है। इस रोग में तेज बुखार सचेत करती है और आमतौर पर पीछे या पैरों में किसी व्यक्ति में डेंगू का संक्रमण जब बार-बार जोड़ों में दर्द तथा माथा में दर्द होता है। कभी-कभी काटती है और बड़ी तेजी से उड़ जाती है और होता है तब डेंगू गंभीर रूप में परिवतिर्त हो सकता रोगी के शरीर में आन्तरिक रक्तस्त्राव भी होता है। क्योंकि वायरस उसकी लाला ग्रन्थि में होता है है। गंभीरता के लक्षणों में प्रमुख रूप से हाथ यह चार प्रकार के विषाणुओं के कारण होता है इसलिए काटते समय शिकार के शरीर में प्रवेश अथवा शरीर पर खून के चकत्ते बनाए, मसूड़ों से तथा इस रोग का वाहक एडिस मच्छर की दो कर जाता है। मच्छर पैदा होने का मुख्य कारण है। खून आना, खून की जांच में प्रतिदिन प्लेटलेट में प्रजातियां हैं। साधारणतः गर्मी के मौसम में यह रोग जल जमाव व गंदगी। शहर में जितना अधिक जल कमी होते जाना आदि है। डेंगू बुखार फैलाने वाले महामारी का रूप ले लेता है जब मच्छरों की जमाव होगा या गंदगी फैलेगी मच्छरों का प्रजनन एडीज नामक मच्छर घरों के पीछे, घरों की छत पर जनसंख्या अपने चरम सीमा पर होती है। यह उतना ही होगा। जल जमाव वाले जगहों पर मादा रखे पानी से भरे कंटेनर में पैदा होते है। ये पानी भरे संक्रमण सीधे व्यक्यिों से व्यक्यिों में प्रसरित नहीं मच्छर के अण्डा देने से सबसे पहले लार्वा तैयार कंटेनर हो सकते है। सीमेंट की टंकी, ड्रम, नांद, होता है तथा यह भी आवश्यक नहीं कि मच्छरों होता है उसके बाद पीयूपा का निर्माण होता है। मटके, टायर, शीशी में लगाया हुआ मनीप्लांट, द्वारा काटे गए सभी व्यक्यिों को यह रोग हो। डेंगू फिर लार्वा उससे मच्छर पैदा होता है। इस प्रक्रिया फ्रीज के नीचे रखी ट्रे, मटके के नीचे की ट्रे, आदि एशिया, अफ्रिका, दक्षिण तथा मध्य अमेरिका के में 20 से 25 दिन लग जाता है। मच्छरों के प्रजनन है। इसके अतिरिक्त भी घर की छत एवं घरों के कई उष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में होता है। डेंगू के के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान पिछवाड़े अनुपयोगी टूटी-फूटी सामग्री, जिनमें चारों विषाणुओं में से किसी भी एक से संक्रमित काफी अनुकूल माना जाता है। मच्छरों के प्रजनन वर्षा का पानी भर जाता है, में एडीज मच्छर पैदा व्यक्ति में बाकी तीनों विषाणुओं के प्रति प्रतिरोध को रोकने के लिए जरूरी है कि आस-पास के होते है। यदि कंटेनर में पानी को देखें तो उसमें क्षमता विकसित हो जाती है। पूरे जीवन में यह रोग क्षेत्रों को साफ रखा जाए। नाला-नालियों की कीड़े (लार्वा) दिखाई देते है, ये कीड़े (लार्वा) ही दुबारा किसी को भी नहीं होता है। डेंगू का मच्छर सप्ताह में एक बार जरूर साफ किया जाए। घर या सात दिवस में मच्छर बन जाते हैं। इससे स्पष्ट है केवल दिन में काटता है। डेंगू बुखार फ्लैवि वायरस बारह पानी नहीं लगने दिया जाए। घरों के कुलर कि डेंगू बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए के कारण फैलता है और यह वायरस हमारे शरीर की समय-समय पर सफाई जरूरी है। मच्छर जैसे मच्छरों की उत्पत्ति रोकना आवश्यक है। अतः में पहुंचाने का काम करते हैं। एडस, ईजिप्टाई, ही किसी व्यक्ति के शरीर में काटता है तो वह कंटेनर में से सप्ताह में एक बार पानी की निकासी मच्छर, ये मच्छर इंसानो के आस पास रहते हैं और व्यक्ति के रक्त में मीरोजोइट्स नामक तरल पदार्थ करें, कंटेनर खाली कर सुखाकर फिर पानी भरें। दिन में काटते हैं। ये मच्छर पीला बुखार और छोड़ता है। जिससे रक्त का आर.बी.सी टूटने लगता पानी की यदि कमी है तो पानी को छानकर उपयोग चिकिनगुनिया जैसे वायरस भी फैलाता है। ये है। इससे लोगों को जाड़ा देकर बुखार आने लगता किया जा सकता है। घर की छतों पर व घरों के मच्छर आकार में छोटा होता है और इसके शरीर है। मच्छर काटने पर व्यक्ति का लीवर भी प्रभावित पिछवाड़े ऐसी अनुपयोगी सामग्री न रखे जिसमें पर सफेद धब्बे से होते हैं जैसा कि आप जानते हैं होता है। मच्छर की प्रजाति के आधार पर ही वर्षा का पानी जमा होता हो। बचाव गंभीर डेंगू एवं मादा मच्छर ही काटती है और वो भी इसलिए कि बीमारी पैदा होती है। फीमेल एनोफ्लिक्स मच्छर साधारण डेंगू दोनों तरह के डेंगू के बचाव के लिए को काटने से मलेरिया होता है। वहीं फीमेल होम्योपैथिक दवा। क्यूलेक्स के काटने से फ्लेरिया की बीमारी होती होम्योपैथिक दवा :- होम्योपैथिक मे ढंग से हैएडिस मच्छर के काटने से डेंगू बचाव के लिये होम्योपैथिक में कारगर दवा है। डॉ. एवं चिकनगुनिया होने का भय रहता है। मच्छरों देवश्लोक शर्मा के अनसार पाँच दिन तक रोज से बचाव के लिए शहर में डी.डी.टी. का सबह खाली पेट इयपेटोरियम परफोलिटेम 200 छिडकाव किया जाना चाहिए। रोगियों का (EUPATORIUM PERFOLIATUM 200C) की रक्त का परिक्षण करते रहना चाहिए। गोलियां डेंग से बचा सकती है। बड़े लोग 5.6 डेंगू बुखार से बचाव करें :- डेंगू बुखार एक गोली और बच्चे 2.3 गोली ले सकते हैं और डेंग प्रकार के डेन वायरस की वजह से होता है। यह एक माह से भी ज्यादा फैला रहें तो एक माह के वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता बाद आप फिर दुबारा सबको घर में दे सकते है। है। एडीज मच्छर दिन के समय काटते। डेंगू में गर्भवती महिला और बच्चे को यह औषधि सामान्यतः बुखार 102 से 104 डिग्री फेरेनहाइट आवश्य खिलाएं। । जो लगातार 2 से 7 दिन की अवधि तक रहता है