औषधीय गुणों से भरपूर तेजपात तेजपत्ता :- भारतीय मसालों में तेजपात का पत्ता न्योरोन्स को लुबिकेशन देता है। इसमें उपस्थित मसाले एवं औषधि के रूप में किया जाता है। वैसे सब्जी में डालने के रूप में काम में लिया जाता है। तेल शरीर के उन सूचना तंत्रों की ऑयलिंग करता इसका सर्वाधिक उपयोग औषधि के रूप में तेजपात को कहीं-कहीं तामल पत्र के रूप में भी है जो कि कभी-कभी काम आते हैं या कम ही बहुतयात से होता है। यह तीक्ष्ण सुगंध लिए होती जाना जाता है। तेजपात औषधीय गुण लिए हुए काम आते हैं। है। दालचीनी एक छालनुमा मसाला है जिसमें एक अत्यन्त लाभकारी पत्ता है। इसके रासायनिक शरीर व मस्तिष्क में गर्मी पैदा कर उत्पततेल, सिनामोन तेल, युजीनाल, सिनाम संगठन में उत्पततेल, युजीनाल एवं वन संचालन में शामिका निभाता है। एल्डीहाइड, केम्फर, सिनफेला माइनटैनिन पाया आइसोयुजीनाल उड़नशील सुंगधित तेल होता है। इसका सेवन लकवा पारवि इसका सेवन लकवा, पारकिन्सस रोगियों के लिए जाता है। तेजपात सर्वाधिक कफ नाशक है। यह खांसी, अत्यन्त लाभकारी है। दालचीनी में उड़नशील तेल की वजह से यह दमा, जुकाम, माइग्रेन, सर्दी लगना जैसे काम कारक रोगों में शीघ्र व स्थाई लाभ देता है। अखरोट को भून कर खाने पर बच्चों की गैस्ट्रीक, अफरा व कब्ज जैसे रोगों में बेहद याददास्त व मानसिक विकास में काम करता है। लाभकारी है। तेजपत्ते का काढ़ा बनाकर शहद के साथ लेने पर कुकर खांसी तक ठीक होती है। गर्भवती स्त्री को सखा अखरोट खिलाने पर पेट में दर्द, मरोड़ एवं उल्टी की स्थिति में बच्चा तन्दुरूस्त व सुन्दर होता है। दालचीनी की दो बूंद तेल को बताशे में डालकर तेजपात के पत्तों को अखरोट के साथ लेप लेने पर तुरन्त आराम मिलता है। -वात विकार रोग बनाकर स्तन पर लगाने पर स्तनों में आशातीत कुंवारी लड़की अखरोट का सेवन करती है तो जैसे गठिया, आस्टियोपारासिस, अर्थराइटिस में बुद्धि होती है व स्तन सुडोल बनते हैं। स्तनों की बढ़ोतरी व शरीर गठिला, कसाव वाला बनाता है। दालचीनी तेल की मालिश लेकर धूप में बैठने से तेजपात का प्रयोग गर्म नींब पानी के साथ करने विटामिन 'डी' व 'बी'12 की पूर्ति होती है। पर मोटापा तेजी से कम करता है। आधा गिलास भीगे हुए अखरोट का नियमित सेवन मोटापा गर्म पानी के साथ दो तेजपत्ता लेने पर 80 से 90 जुकाम के कारण पैदा हुआ सिर दर्द में रोग में भी लाभकारी है। दालचीनी को घिसकर गर्म करके नाक के कैलोरी बर्न करता है। यदि इस प्रकार इसको दिन अनिद्रा, तनाव वाले मरीज को रात को अखरोट आस-पास व माथे पर लेप करने से पुराने माइग्रेन में चार बार लिया जाए तो करीब सिर्फ तेजपत्ता को भून कर देने पर लाभ मिलता है। में लाभ मिलता है। नींबू पानी से 350 कैलोरी बर्न करके एक दिन में ज्यादा अखरोट का सेवन हानिकारक हो सकता दिन म ज्यादा अखराट का सवन हानिकारक हा सकता बच्चों के पेट में कीड़े होने पर इसका प्रयोग नारी को 100 ग्राम वजन को कम किया जा सकता है। है। अल्सर, कोलायटिस रोगी अखरोट के सेवन से किया जा सकता है। जिन व्यक्तियों को अस्थमा है उनको तेजपत्ता, दूरी रखें। चूंकि अखरोट गर्म प्रकृति का है अतः डेंगू बुखार हो चिकनगुनिया या कोई मौसमी लौंग, और मुलेठी का सेवन शहद के साथ करने मुहांसे वाले व्यक्ति इसका सेवन न करें। अखरोट पर लाभ मिलता है। में अभिग्रांथी फैशी एसिड होता है जो कि पेट बुखार की स्थिति में दालचीनी का काढा गड या शहद के साथ लेने पर पेरासिटामोल का काम भरने के अहसास को लम्बे समय तक कायम 5. तेजपत्ता का उपयोग गर्म की शिथिलता मेंरखता है जिससे भूख कम लगती है। किया जा सकता है। करता है। है अवर में विटामिन बी जो बालों को दालचीनी चूंकि कफ नाशक है इसके काढा तेजपत्ता पत्र चूंकि मूत्रवर्धक है जिन्हें गुर्दे की का प्रयोग खांसी, जुकाम अस्थमा में किया जा पथरी व गुर्दे सम्बधित परेशानी है उन्हें इसका गिरने से रोकने में मदद करता है। प्रयोग करना चाहिए। इसमें उपस्थित मेलाटोनिन हार्मोन नींद को सकता बुखार में तेजपत्ता को लेने पर यह पेरासिटामोल प्रेरित करने में मदद करता है। यानि की रात को 7. दालचीनी में पाये जाने वाला युजीनाल का काम करता है। अखरोट खाना नींद रोगियों के लिए फायदेमंद है। क्षयजव्रण खासकर स्किन सोरायसिस रोग के अखरोट में मौजूद विटामिन-ई सब्जी व रायते में इसका प्रयोग पेट की गैस, और साथ-साथ फफूंदीनाशक रोगों में इसका प्रभाव फलेवनाइड डिमेंन्टिया उत्पन्न करने वाला बेहद लाभकारी है। कब्ज व अफरा जैसी आम समस्या को दूर करता हानिकारक फ्री-रेडिक्ल्स को नष्ट करने में मदद है। तेजपत्ता का नियमित प्रयोग सब्जी में डालकर एक गिलास गर्म पानी में 10 बूंद दालचीनी करते हैं। व पीने के पानी में दो-तीन पत्ते डालकर किया जा तेल डालकर पीने पर मोटापा व बढ़ी हुई चर्बी को सकता है। अखरोट का नियमित इस्तेमाल डायबिटिज के कम करता है। खतरे को 24 प्रतिशत तक कम करता है। अखरोट :- शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे दालचीनी का प्रयोग करते समय इतनी अखरोट खाना पंसद न होअखरोट में पाया जाने प्रतिदिन 50 ग्राम अखरोट का सेवन स्तन सावधानी बरतनी चाहिए। बबासीर व खूनी वाला उडनशील तेल मस्तिष्कयोमीर कैंसर की संभावना को कम करता हैपाइल्स में इसका सेवन न करें।