मोटापा न सिर्फ अपने आप में एक समस्या है बहुत जरूरी है। कम खाओ और स्वस्थ रहो। बल्कि उसकी वजह से शरीर कई अन्य अपने भोजन को इन चार हिस्सों में विभाजित बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में यह करें :बेहद जरूरी है कि मोटापे पर नियंत्रण रखा जाए (अ) एक हिस्सा गरिष्ठ भोजन के लिए। और एक स्वस्थ जीवन का आनन्द लिया जाए। मोटापे से मुक्ति पाने के लिए योगियों ने बहुत (आ) दूसरा हिस्सा हल्के भोजन के लिए। उत्तम उपाय खोजे। हमारे योगी तत्वदर्शी डॉक्टर्स (इ) तीसरा हिस्सा पानी के लिए और थे। बीमारियों के सदृश्य कारणों को जड़ से (ई) चौथा हिस्सा खाली (ताकि भोजन पचने खत्म करने के उपाय बताते थे। जिम आदि में की क्रिया आसान हो सके और पेट एवं आंतों पर जाने वाले मोटापे के शिकार कई लोगों पर सर्व असर न पड़े। मोटापा के लिए आहार क्रम इस किए गए तो पाया गया कि कुछ समय में उनका प्रकार रखना चाहिए :वजन तो कम हो जाता है पर जैसे ही जिम, (अ) नास्ता :- जुस, नींबू का पानी या दूध, दवाइयों आदि का प्रयोग छोड़ा, वजन फिर से दलिया, पोहा अथवा अंकुरित दालें। बढ़ने लगता है। आज की दुनिया की सबसे बड़ी (आ) दोपहर का भोजन :- भरपूर सलाद व बीमारी के रूप में मोटापा एक चैलेंज बन गया ताजा सब्जियां (अधिक पकी न हो), रोटी, दही, है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान मोटापे का कोई सही इलाज नहीं दे पा रहा है, लेकिन योग से लस्सी या मौसमी फल, रोटी कम सब्जी ज्यादा खाएं। मोटापे से मुक्त होने के कई फार्मूले हैं। योग के प्रयोग :- योग मोटापे को न सिर्फ जड़ से खत्म करता है बल्कि आत्मिक शक्ति को भी बढ़ाता है। मोटापे के कारणों को जानने के बाद व्यक्ति को धैर्य के साथ योगियों के बताए हुए उपायों को करना चाहिए1. मोटापे के सारे पक्षों व कारणों (शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक) को समझकर मोटापा दूर करने हेतु योग उत्तम उपाय उपलब्ध करवाता है। 2. ऐसे अनेक प्रमाण हैं कि सही जीवनशैली और नियमित योगाभ्यास करने से मोटापा दर (इ) रात का भोजन :- सलाद, ताजा सब्जियां होता है। (अधिक पकी न हो), रोटी, मौसमी फल, रोटी कम और सब्जी ज्यादा खाएं3. नित योगाभ्यास आपको स्लिम और बनाता है। (ई) चाय आदि पीने की आदत हो तो लेमन टी (नींबू) बिना दूध और शक्कर के पिएं4. योग हर उम्र में हर व्यक्ति के लिए उत्तम है। मोटापा के आम लक्षण :- शरीर में 5. योग द्वारा तनाव तो दूर होता ही है, मन भी आवश्यकता से अधिक चर्बी होना। शरीर में एकाग्र होता है जिससे बुरी आदतें दूर होती हैं। चुस्ती-फुर्ती का अभाव, मन और तन में भारीपन इससे मोटापे की समस्या आसानी से दूर हो का होना। सकती है। मोटापे के लक्षण :- आलस्य या सुस्ती, तला, 6. मोटापा दूर करने के लिए संतुलित भोजन जंक फूड या अधिक फैट्सयुक्त भोजन, असमय करता येणार योग एवं पंचकर्म चिकित्सा विशेषांक खाने और पीने की गलत आदतें, ठीक तरह से नीद न आना, कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स, कुछ प्रकार की बीमारियां, व्यायाम और योग का अभाव, डिप्रेशन, अत्यधिक मानसिक तनाव। मोटापे के कारण होने वाली बीमारियां :हृदय संबंधी रोग, डायबिटिज, हाइपरटेंशन, अनिद्रा या अतिनिद्रा, लीवर संबंधी समस्याएं, जोड़ों संबंधी रोग, पीठ दर्द, गैस्टिक (वात रोग), बाझपन, तनाव, कब्जियत, श्वास संबंधी रोग, थकावट, कमजोरी, घुटनों का दर्द, सीने में दर्द, आत्मविश्वास में कमी, अवसाद, चिड़चिड़ापन, शारीरिक लचीलेपन में कमी, अकेलापन, सुनापन आदि। । योग द्वारा मोटापे से पवित्र त्रिकोणासनयह कमर की अतिरिक्त चर्बी को कम करता है। और वजन घटाता है। 5 बजासन - इससे पाचन क्रिया अधिक होती है और वजन नियंत्रण , में रहता है। अंग-प्रत्यंग के दर्द के निवारणार्थ बहुत उपयोगी है। 3. मकरासन :- पूरे शरीर के मोटापे को दूर करने में सहायक, पेट की , अतिरिक्त चर्बी हटाता है। 4. वक्रासन :- पेट, पीठ, पैर के मोटापे को कम करता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं न करें। 5. उतानपादासन :यह कब्ज-गैस को दूर करता हैजठराग्नि को प्रदीप्त करता है। मोटापे को दूर करने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण आसन है। 6. सर्वांगासन :- इससे थायराइड, मोटापा, दुर्बलता, थकान आदि दूर होती है। 7. हलासन :- यह रीढ़ को लचीला बनाता है, पीठ की मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है और जंघाओं को पतला बनाने में मदद करता है। 8. सूर्य नमस्कार कई बीमारियों को दूर करने की क्षमता रखता है। विशेषकर मधुमेह, मेरुदण्ड, पाचन संबंधी समस्त प्रकार के विकारो, अमाशय, अग्नाशय, फेफड़ों व हृदय संबंधी विकारों तथा मोटापे से संबंधी समस्या में बहुत उपयोगी है। संपूर्ण शरीर में रक्त परिभ्रमण को सुचारू करता है, बल और तेज की वृद्धि करता है। मानसिक शांति प्रदान करता है। रीढ़ का लचीलापन बढ़ाता है। 9. कपालभाति :- मोटापे व वजन को कम करने में अत्यन्त असरकारक है। पेट व शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है10. अर्द्धचंद्रासन मोटापा कम करने में बहुत ही सहायक है।
योग द्वारा मोटापे से मुक्ति