प्रदूषित वातावरण

आज के प्रदूषित वातावरण में स्वस्थ रहना चुनौतीपूर्ण हो गया है। उपचार के जितने नए अविष्कार नहीं हो पाते हैं उससे ज्यादा प्रकार की नई बीमारियां जन्म ले लेती हैं। उससे ज्यादा 'चिंता का विषय महंगा उपचार हो गया है। अधिकांश चिकित्सक व्यवसायी हो गए हैं। प्राइवेट अस्पतालों में कोई गरीब आदमी अपना उपचार नहीं करा सकता हैयदि उपचार करा लिया तो उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है। सरकारी अस्पतालों में लम्बी लाइने, लम्बा इंतजार इतना कि उपचार की बारी आने से पूर्व बीमारी मरीज के जीवन को निगल जाती है। इन परिस्थितियों में स्वास्थ्य व जीवन को बचाना चिंता का विषय बन गया है। क्यों न हमें स्वस्थ रहने के कुछ उपाय ढूंढ़ना  रहना नए की ज्यादा है। हैं।