एक जानलेवा बीमारी माइग्रेन

 दफ्तर में मैं काम कर रहा था कि अचानक घबराहट, रोशनी से असुविधा होना और उल्टी कठिनाई व हकलाहट भी होती है। कई बार ही जाना-पहचाना दर्द मेरे सिर के आधे होने की आशंका बनी रहती है। शरीर के दोनों तरफ इसका असर हो सकता है। हिस्से में होने लगा। कुछ देर बाद ऐसा इसके कछ वर्ष बाद गेलेन द्वारा 'हेमिक्रिना' पैरों पर इसका असर अधिकतर नहीं होता है। लगने लगा, मानो कोई हथौड़े से एक हिस्से (आधा सिर) शब्द का प्रयोग इस एक तरफ जिन हिस्सों में झनझनाहट हो, उनमें कमजोरी में चोट कर रहा हो और कुछ ही देर में मेरा होने वाले सिर-दर्द के लिए किया गया। बाद में भी महसूस हो सकती है। इसका असर 15 से सिर दर्द से फटने लगा। अगले 45 मिनट इसी को 'मरग्रिम' और आखिर में माडगेन नाम 30 मिनट में तीव्रतम हो जाता है और इतने तक कुछ भी करना मेरे लिए संभव नहीं दिया गया। समय में ही कम होने लगता है। था। हर बार यह दर्द मुझे होता है, मेरी माइग्रेन के प्रकार :- माइग्रेन चार प्रकार का का इस प्रकार के माइग्रेन का एक और लक्षण इस सिर्फ यही कामना रहती कि किसी प्रकार हो सकता है। 1. क्लासिकल माइग्रेन है जी मिचलाना और बेचैनी या चक्कर आना। इस दर्द से मुझे मुक्ति मिले। यह कहना था , इन लक्षणों के तुरंत बाद सिर दर्द शुरू हो जाता 29 वर्षीय सुरेश का जो एक बीमा कंपनी - 2. साधारण या आम माइग्रेन, 3. माइग्रेनियस है। यह अधिकतर एक आंख के ऊपर से सिर में काम करता है। अर्धकपारी या अर्ध " - न्यूरेलजिया, 4. बच्चों में होने वाला माइग्रेन .. के पिछले हिस्से तक फैल जाता है। यह कई मस्तिष्क दर्द, जिसे माइग्रेन (आधा शीशी क्लासिकल माइग्रेन- इस प्रकार के माइग्रेन में 1 बार गर्दन के ऊपर से शुरू होकर सिर के आगे भी कहते हैं, बार-बार उठने वाला दर्द के दर्द शुरू होने के लक्षण महसूस होने लगते हैं। तक फैल जाता है। विशेषतः यह दर्द सिर के जो कभी-कभी कम व सहनीय पर रोगी को दिन में होने वाले दर्द का अहसास आधे हिस्से में होता है और ध्यान देने योग्य अधिकतर तीव्र और असहनीय होता हैं होने लगता है। अधिकतर लक्षणों में से प्रमुख है बात ये है कि यदि एक हिस्से में झनझनाहट या जिसके साथ दूसरे लक्षण जैसे सनने देखने की क्षमता पर असर। धुंधला नजर आना देखने में तकलीफ हो, तो दर्द ठीक उसकी बोलने या महसूस करने की शक्ति पर भी इस बीमारी का आम लक्षण है। दूसरी तरफ होता है किंतु यह पूरे सिर में भी हो कछ समय के लिए असर होना आम बात जिस वस्तु पर नजर पड़ती है, वह धुंधली . सकता है। क्लासिकल माइग्रेन की तीव्रता कई या अस्पष्ट नजर आती है, और पढ़ने में प्रकार की होती है जैसे टीस उठना, सिर पर माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति संसार के सभी असुराल र असुविधा होने लगती है। कई बार कुछ हिस्सा लगातार मार लगने का अहसास या असहनीय भागों में पाए जाते हैं। इंग्लैंड में किए गए एक बिल्कुल नहीं दिखाई देता है और कई बार तो व पीड़ादायक असर। माइग्रेन के गंभीर हमले में सर्वेक्षण में वहां के 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कुछ क्षणों के लिए आंखों के आगे अंधेरा भी छा जाता है। यह लक्षण 15 से 30 मिनट में " उल्टियां बार-बार हो सकती हैं, हालांकि उल्टी लोगों को इस बीमारी से पीड़ित पाया गया। यह . अपने अधिकतम रूप पर पहुंच जाता है और  होने पर रोगी बेहतर महसूस करता है। यह दर्द बीमारी महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक ' अगले 15 से 30 मिनट के बाद फिर रोगी: " अधिकतर ज्यादा रोशनी व ध्वनि से बढ़ जाता पाई जाती है। महिला और पुरुषों में यह . ह सामान्य रूप से देख सकता है। कभी-कभी तो है और रोगी अंधेरे में आराम महसूस करता है। अनुपात 2:1 है। हालांकि एक अप्रचलित ला दिखाई देने की क्षमता पर इसका असर दिन भर यह माइग्रेन एक घंटे से 72 घंटे तक का हो माइग्रेनियस न्युरेलजीया, सिर्फ पुरुषों तक रहता है पर ऐसा होने की गंजाइश बहत कम स सकता है। रोगी को माइग्रेन बचपन में कम सीमित है। होती है। कई बार सिर्फ एक आंख पर इसका १ वयस्कता में अधिक व अधेड़ावस्था या बुढ़ापे यह एक अत्यधिक पुरानी बीमारी है, असर होता है। महसस करने और स्पर्श की में काफी कम हो जाता है। क्लासिकल माइग्रेन जिसका जिक्र मेडिसिन के पिता हिपोक्रेट्स क्षमता पर असर इसके दूसरे लक्षणों में से साधारण माइग्रेन की अपेक्षा लंबे समय बाद द्वारा किया गया था। सर्वप्रथम परिभाषा प्रमुख है। यह देखने की क्षमता पर असर होने पुनः होता है, अर्थात् इसका हमला हर महीने ऐरिटियस द्वारा दी गई थी। उसके अनुसार, यह के साथ-साथ या अलग से हो सकता है। एक या दो-तीन महीने में होता है, जो साधारण सिर के अधिकतर एक ही भाग में होने वाला हाथ से लेकर चेहरे की एक तरफ झनझनाहट माइग्रेन की अपेक्षा काफी कम है। दर्द है, जिसमें मरीज को चक्कर आना, बेचैनी, और ठिठुरन होती है। इससे बोलने में कई बार साधारण माइग्रेन :- यह माइग्रेन बहुत-से लोगों को होता है। एक अनुमान के अनुसार, उल्टियां नहीं होतीं, जो दूसरे हर प्रकार के माइग्रेन हो तो मेरोक्लोप्रेमिड और इसके आधे 10 प्रतिशत से 18 प्रतिशत लोग साधारण माइग्रेन में आम लक्षण है। घंटे बाद एस्प्रिन या पैरासिटामॉल लेना काफी माइग्रेन से पीड़ित होते हैं। किंतु यह बच्चों का माइग्रेन- बच्चों को माइग्रेन असरदायक होता है। यदि कुछ देर बाद दर्द क्लासिकल माइग्रेन की तरह खतरनाक नहीं अधिकतर यात्रा करने पर ही होता है। यह आगे बाकी हो तो फिर से एक एस्प्रिन लेना होता है। इसके लक्षण अधिकतर क्लासिकल चलकर वयस्क होने पर माइग्रेन का दूसरा रूप लाभदाय माइग्रेन की तरह ही होते हैं किंतु दर्द की तीव्रता धारण कर सकता है। बच्चों को उल्टी होना, माइग्रिल और इफेरगोट, जिसमें इरगोटेमिन कम समय के लिए होती है। जो कि तीस से चक्कर आना और चिड़चिड़ापन इसके आम की मात्रा दो मिलीग्राम है, को लेने पर उल्टी साठ मिनट तक हो सकती है। इस प्रकार के लक्षण हैं। इस माइग्रेन में सिर दर्द की तीव्रता बंद होने के साथ-साथ दर्द का प्रभाव कम हो माइग्रेन में रोगी के लिए पूर्ण रूप से आराम बहुत कम होती है। __ जाता है। इसके अलावा बाजार में कफेगोट व आवश्यक नहीं, पर कुछ देर आराम करने से या इसमें अधिकतर बच्चे पेट दर्द की शिकायत फेमिरगिन भी मिलती है। इरगोरिमिन युक्त किसी भी प्रकार का कार्य, जिससे सिर से जाने करते हैं। बच्चों में इसका प्रतिशत चार है दवाई का पहला खुराक दा मि वाले खून की मात्रा बढ़ सकती है, जैसे अर्थात् माइग्रेन पीडितों में से करीब 40 प्रतिशत चाहिए। 45 से 60 मिनट बाद भी दर्द कम न व्यायाम, झुकना, सीढ़ी चढ़ना, खांसना, उल्टी बच्चे इस रोग से वयस्क होने पर मक्ति पा जाते हो, तो आधी टेबलेट और लेनी चाहिए, किन्तु होना आदि से रोगी बेहतर महसूस करता है। हैं। 24 घंटे अर्थात् दिन भर में 6 मिलीग्राम से यह माइग्रेन हफ्ते में दो-तीन बार भी हो माइग्रेन होने के कारण :-1. पैतृक ज्यादा इरगोटिमिन नहीं ली जाना चाहिए और सकता है। _ इसका प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए। 2. दबाव, शारीरिक, मानसिक, 3. व्यक्तित्व माइग्रेनियस न्युरेलजिया- यह अधिकतर 4. असंतुलित भोजन, 5. वातारण, 6. बहुत के बावजद इसका इलाज न किया हो, को तुरत माइग्रेन के रोगी, जिन्होंने लंबे समय की बीमारी सिर्फ परुषों में विशेषकर 20 से 40 वर्ष के अधिक यात्रा करना, 7. सिर व गर्दन को चाट . पुरुषों में और विशेषकर सर्दियों और बसंत ऋतु . * डॉक्टरी सहायता लेनी चाहिए, ताकि इस 28. ब्लड प्रेशर, 9. हारमोंस का प्रभाव, समस्या का समाधान किया जा सके। में होता है। इसमें दर्द एक आंख में (हमेशा एक आंख में) होता है और आंखें लाल हो 10. दूसरी दवाइयों का असर माइग्रेनियस न्यूरेलजिया का माइग्रेन होने पर जाती हैं और पानी निकलने लगता है और उसी उपचार :- इसका इलाज शुरुआती लक्षणों तुरंत ली गई दवाई से काफी फायदा होता है। आंख की तरफ नाक भी बहने लगता है। यह के साथ तुरंत शुरू कर देना चाहिए। इलाज जैसे इसमें भी इरगोटिमिन युक्त दवाई लेनी चाहिए। दर्द 24 घंटों में एक या दो बार हो सकता है। एस्प्रिन या 'पेरासिटामॉल' के द्वारा हो सकता इसमें क्लोनिडिन या पिझोटिफेन दिन में तीन यह 15 से 45 मिनट तक रहता है पर है, साधारण माइग्रेन के लिए। बार लेना फायदेमंद होता है। आश्चर्यजनक रूप से इस प्रकार के माइग्रेन में यदि माइग्रेन साधारण न होकर क्लासिक सिक बच्चों के माइग्रेन में एस्प्रिन का प्रयोग काफी - है या उल्टी रोकने की दवा दी जा सकती है। कुल मिलाकर माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज आवश्यक है। हालांकि इसका कोई जानलेवा प्रभाव नहीं हो सकता। इसका होना बहुत कष्टदायक होता है, इसलिए उचित दवाइयों के अलावा मानसिक तनाव, जिनसे अपचन होने की संभावना हो ऐसी खाने की वस्तुएं, तेज रोशनी व ज्यादा ध्वनि से बचना और संतुलित व नियमपूर्वक खाना, रोजमर्रा के कार्यों में निश्चित समय-सारिणी, रात को पूरी 7-8 घंटे की नींद एवं खुश रहना इस बीमारी का सर्वश्रेष्ठ इलाज है। घरेलू इलाज :- रात की दूध में भीगी जलेबी दो-तीन दिन खाना दूसरा इलाज है सूंघनी लेकर छींक मारना। तीसरा इलाज है नाक में बादाम रोयन या देसी घी रात में सोने से पूर्व डालना।